सात फेरों के बाद आठवाँ फेरा : यूपी में विवाह पंजीकरण में ढाई गुना वृद्धि, कानूनी मान्यता के लिए बढ़ी युवाओं में जागरूकता

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Nov 19, 2024 10:31

भारतीय परंपराओं में विवाह को हमेशा से एक पवित्र और अटूट बंधन माना गया है, जिसमें अग्नि के सामने लिए गए सात वचन इसकी आधारशिला होते हैं। लेकिन आधुनिक युग में इन सात वचनों के साथ एक नया...

Lucknow News : भारतीय परंपराओं में विवाह को हमेशा से एक पवित्र और अटूट बंधन माना गया है, जिसमें अग्नि के सामने लिए गए सात वचन इसकी आधारशिला होते हैं। लेकिन आधुनिक युग में इन सात वचनों के साथ एक नया पहलू जुड़ गया है—विवाह पंजीकरण। उत्तर प्रदेश के युवाओं में विवाह को कानूनी मान्यता देने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में शादी पंजीकरण कराने वालों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है। वहीं शादी निरस्त कराने वालों की संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है।

2024 में अब तक 83,000 विवाह पंजीकरण 
वर्ष 2024 में अब तक 83,000 जोड़ों ने अपनी शादी का पंजीकरण कराया है। इस आंकड़े से यह साफ होता है कि युवा न केवल अपने विवाह को परंपरागत रूप से मान्यता देते हैं, बल्कि कानूनी दृष्टि से भी इसे मजबूत बनाना चाहते हैं। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि पंजीकरण कराने वालों में बड़ी संख्या उन जोड़ों की है जिनमें पति या पत्नी विदेश यात्रा पर जाने वाले हैं।

एक वर्ष में पंजीकरण कराने वालों की संख्या सबसे अधिक 
प्रदेश में शादी के एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराने वाले जोड़ों की संख्या 70% है। वहीं, 20% जोड़े ऐसे हैं, जो शादी के दस वर्षों के भीतर पंजीकरण कराते हैं। इसके अलावा 10 वर्ष से अधिक समय बाद पंजीकरण कराने वालों की संख्या 10% है। इनमें से 3% वे लोग हैं। जिन्होंने शादी के 20 वर्षों बाद अपने विवाह का कानूनी पंजीकरण कराया।

विदेश यात्रा और कानूनी मान्यता बनी मुख्य वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेश यात्रा के दौरान विवाह प्रमाणपत्र की अनिवार्यता के कारण पंजीकरण कराने वालों की संख्या में तेज़ी आई है। पिछले दस वर्षों में विदेश जाने वाले युवाओं की संख्या में तीन गुना से अधिक वृद्धि हुई है। कई देशों में वीजा आवेदन और अन्य प्रक्रियाओं में विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है।

पिछले वर्ष पहली बार एक लाख का आंकड़ा पार
2023 में पहली बार प्रदेश में शादी पंजीकरण का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंचा। यह वृद्धि न केवल जागरूकता का परिणाम है, बल्कि पति-पत्नी के बीच आपसी संबंधों को कानूनी मान्यता देने की बढ़ती समझ को भी दर्शाता है।

नए युग का नया चलन
शादी का पंजीकरण अब परंपराओं और आधुनिकता के बीच एक सेतु बन गया है। यह न केवल संबंधों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच विश्वास और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करता है। इस पहल से यह स्पष्ट है कि युवाओं में विवाह की गहराई और स्थायित्व को लेकर समझ बढ़ रही है।

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