ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसके साथ ही माल्यार्पण और पुष्पगुच्छ आदि भेंट करने की भी परंपरा है। उन्होंने इसे तत्काल समाप्त करते हुए भविष्य में इसके स्थान पर अपने-अपने अस्पतालों व संस्थानों की साफ-सफाई, रखरखाव और मरीजों की सेवा-सुश्रूषा पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी चिकित्सालय व संस्थानों को निर्देश जारी किया जाए।