सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर फरंगी महली ने दी प्रतिक्रिया : कहा- अब स्वतंत्रता से संचालित होंगे मदरसे

UPT | मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली।

Nov 05, 2024 17:15

सुप्रीम कोर्ट के मदरसों को लेकर फैसले पर लखनऊ की ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने प्रतिक्रिया दी है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ाने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी मदरसा एक्ट को संवैधानिक रूप से सही ठहराया है। अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताते हुए उसे निरस्त कर दिया। इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय में खुशी का माहौल है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर लखनऊ की ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने प्रतिक्रिया दी है।

स्वतंत्रता से मदरसों का होगा संचालन
मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। एक बार फिर से मदरसों में छात्रों के तालीम के सिलसले को जारी किया जाएगा। स्वतंत्रता से मदरसों का संचालन भी किया जा सकेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार तंज कसते हुए कहा कि मदरसा अधिनियम का मसौदा उत्तर प्रदेश की हुकूमत ने खुद बनाया था, उसको कैसे अंसवैधानिक बताया जा सकता है। हम पहले भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि मदरसों में केवल इस्लामी शिक्षा ही नहीं, बल्कि आधुनिक शिक्षा भी देते हैं। 



हाईकोर्ट का फैसला पलटा
सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट को लेकर ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को बरकरार रखने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मदरसा एक्ट संविधान के खिलाफ नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को मदरसों का संचालन करने भी इजाजत दी है।

क्या है यूपी मदरसा एक्ट 
उत्तर प्रदेश में 2004में मदरसों को लेकर कानून बनाया गया था। कानून के तहत मदरसा बोर्ड का गठन किया गया था। मदरसे में शिक्षा को व्यवस्थित करना मकसद था। मदरसों को मान्यता के लिए न्यूनतम मानक पूरे करने जरूरी थे। यूपी में 13 हजार मदरसों को बोर्ड से मान्यता मिली है। जबकि करीब 8500 मदरसों को बोर्ड से मान्यता नहीं है।

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