यूपी मदरसा एक्ट : मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कहा- अपने ढंग से काम की मिलेगी आजादी, दानिश अंसारी बोले- अच्छी नीयत से किया काम

UPT | UP Madarsa Education Act

Nov 05, 2024 16:23

दानिश आजाद अंसारी ने सर्वोच्च न्यायालय के 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिक वैधता बरकरार रखने के निर्णय पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आज फैसला आया है, उसके अनुरूप न्यायालय ने जो भी दिशा-निर्देश दिए हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उसका पालन करेगी।

Lucknow News : प्रदेश में मदरसों की मान्यता पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कोर्ट ने वर्ष 2004 के 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम' को वैध ठहराते हुए इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के अनुरूप बताया है। इस फैसले को मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मदरसों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय बताया है। वहीं प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप काम करने की बात कही है।

दानिश आजाद बोले- मदरसा शिक्षा की बेहतरी के लिए काम कर रही योगी सरकार 
प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने सर्वोच्च न्यायालय के 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिक वैधता बरकरार रखने के निर्णय पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो आज फैसला आया है, उसके अनुरूप न्यायालय ने जो भी दिशा-निर्देश दिए हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उसका पालन करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हमेशा मदरसा शिक्षा की बेहतरी के लिए, मदरसा शिक्षा के माध्यम से जो मुस्लिम नौजवान हैं उन्हें अच्छी शिक्षा मिले इस नीयत से काम किया है। निश्चित तौर पर मदरसा शिक्षा की बेहतरी के लिए जो भी बातें आवश्यक होंगी, हमारी सरकार उसका जरूर अनुसरण करेगी।



अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का समर्थन
सुप्रीम कोर्ट ने 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम' की वैधता को सही ठहराते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें इसे असंवैधानिक घोषित किया गया था। इस अधिनियम को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने कहा कि यह किसी भी तरह से धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया स्वागत
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संवैधानिक घोषित करना एक बड़ी राहत है। मौलाना खालिद ने बताया कि इस फैसले से मदरसों को अपने ढंग से कार्य करने की आजादी मिलेगी, जिससे हजारों लोग लाभान्वित होंगे।

जमीयत उलमा ए हिंद ने कहा- मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर संवाद
जमीयत उलमा ए हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान की आत्मा की हिफाजत करता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है तो इस पर संवाद हो सकता है, लेकिन अगर सरकार कोई असंवैधानिक कदम उठाती है तो उसके खिलाफ कानूना सहारा लिया जाएगा। 

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान- मदरसों को संदेह की दृष्टि से देखना गलत
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि मदरसों का भारत की स्वतंत्रता और विकास में अहम योगदान रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों को संदेह की दृष्टि से देखना गलत है। अगर किसी मदरसे में गलत गतिविधियां होती हैं, तो कार्रवाई सिर्फ उसी पर होनी चाहिए, ना कि सभी मदरसों को एक साथ संदेह की नजर से देखा जाए।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम संविधान के धर्मनिरपेक्षता सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश गलत था। हाई कोर्ट ने यह फैसला करते हुए मदरसा अधिनियम को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ माना था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने यह व्यवस्था देकर गलती की कि मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने के कारण उत्तर प्रदेश मदरसा कानून को खारिज करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम संविधान के धर्मनिरपेक्षता सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता और इस अधिनियम का उद्देश्य केवल शिक्षा के विकास में मदद करना है।

Also Read