UP Board Practical Exam : यूपी बोर्ड ने टालीं इंटर की प्रायोगिक परीक्षाएं, अब फरवरी में होगी परीक्षा

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Jan 19, 2025 09:51

यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब ये परीक्षाएं 1 से 16 फरवरी के बीच आयोजित की जाएंगी।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश बोर्ड (UP Board) के इंटरमीडिएट छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना। यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाओं को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब ये परीक्षाएं 1 से 16 फरवरी के बीच आयोजित की जाएंगी, जबकि पहले इन परीक्षाओं की तारीखें 23 जनवरी से 31 जनवरी और फिर 1 से 8 फरवरी तक निर्धारित थीं। इस बदलाव का कारण जेईई मेन्स परीक्षा है जो 22 से 31 जनवरी तक आयोजित होने जा रही है।

नया शेड्यूल जारी
बोर्ड ने इस निर्णय के तहत नए शेड्यूल को जारी किया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण की परीक्षाएं 1 फरवरी से 8 फरवरी के बीच होंगी, जबकि दूसरे चरण की परीक्षाएं 9 फरवरी से 16 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी। पहले चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडल के छात्र अपनी परीक्षाएं देंगे। वहीं दूसरे चरण में आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।

यूपी बोर्ड के सचिव बयान
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परीक्षा की तारीखों में बदलाव छात्रों की भलाई के लिए किया गया है। पिछले सालों में परीक्षा के समय में कैंटीन पर जाकर छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, इसलिए इस बार परिवर्तन किया गया है। इस निर्णय के माध्यम से छात्रों को अधिक सुविधा और समय दिया जाएगा। इस बार इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में भौतिक और रसायन विज्ञान के लिए सबसे अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है। रसायन विज्ञान में 16,50,937 और भौतिक विज्ञान में 16,50,482 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, जबकि जीव विज्ञान के लिए 12,49,485 विद्यार्थी परीक्षा देंगे।

बोर्ड ने की नई व्यवस्था लागू 
परीक्षा के दौरान पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने एक नई व्यवस्था लागू की है। अब सभी परीक्षकों को छात्रों के अंक सीधे परीक्षा केंद्र पर अपलोड करना होगा। इसके लिए बोर्ड ने एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है, जो केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में कार्य करेगा। इसके अलावा परीक्षकों को छात्रों के साथ सेल्फी लेकर उसे भी एप पर अपलोड करना होगा। प्रधानाचार्य को परीक्षा की नजर रखने और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि प्रायोगिक परीक्षाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके।

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