नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : पहली सफल लैंडिंग की रिपोर्ट पहुंची केंद्र सरकार के पास, एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन शुरू

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Dec 25, 2024 20:38

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर 9 दिसंबर को इंडिगो एयरलाइंस के एयरबस ए-320 विमान की पहली सफल लैंडिंग हुई। अब उस वैलिडेशन फ्लाइट का पूरा डाटा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेजा गया है।

Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर 9 दिसंबर को इंडिगो एयरलाइंस के एयरबस ए-320 विमान की पहली सफल लैंडिंग हुई। अब उस वैलिडेशन फ्लाइट का पूरा डाटा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेजा गया है। अब एयरपोर्ट संचालकों द्वारा एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा।  

पहली बार में सफर रहा परीक्षण
इंडिगो की वैलीडेशन फ्लाइट ने 25 मिनट तक रनवे और हवाई क्षेत्र में कई उपकरणों की जांच की थी। विमान ने आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) और अन्य नेविगेशनल सिस्टम का परीक्षण किया। साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) के साथ तालमेल का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अधिकारियों का कहना है कि यह एक बार में सफल परीक्षण एयरपोर्ट की तकनीकी और परिचालन क्षमता को दर्शाता है।  

अगले चरण की तैयारी तेज
डीजीसीए को भेजी गई वैलिडेशन फ्लाइट की रिपोर्ट के आधार पर मार्च 2025 तक एयरपोर्ट को कॉमर्शियल फ्लाइट संचालन का प्रमाणीकरण मिलने की उम्मीद है। यह प्रमाणीकरण मिलने के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नियमित कॉमर्शियल उड़ानों आपको शुरुआत का मार्ग प्रशस्त होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इस सफलता को एयरपोर्ट परियोजना के लिए एक मील का पत्थर बताया। इस परीक्षण के सफल होने से एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयारी साबित होती है।

योगी आदित्यनाथ का किसानों को तोहफा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया है। अब नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। जिसके बाद नोएडा एयरपोर्ट के काम में तेजी आ गई। नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे और चौथे चरण में भूमि अधिग्रहण के साथ विकास को गति दी जा रही है। इस परियोजना में एयरोस्पेस निर्माताओं के लिए 300 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। जिससे भारत के विमानन और एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

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