नोएडा में बदलेंगी सर्किल दरें : 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव, प्रॉपर्टी खरीदारों पर पड़ेगा महंगाई का बोझ

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Nov 01, 2024 19:08

नोएडा क्षेत्र में सर्किल दरों में प्रस्तावित वृद्धि के अनुसार, आवासीय क्षेत्रों में यह 25 से 30 प्रतिशत और अन्य क्षेत्रों में 10 से 15 प्रतिशत तक हो सकती है। यदि स्टाम्प और पंजीकरण विभाग इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देता है...

Noida News : नोएडा क्षेत्र में सर्किल दरों में प्रस्तावित वृद्धि के अनुसार, आवासीय क्षेत्रों में यह 25 से 30 प्रतिशत और अन्य क्षेत्रों में 10 से 15 प्रतिशत तक हो सकती है। यदि स्टाम्प और पंजीकरण विभाग इस प्रस्ताव पर स्वीकृति देता है, तो सर्किल दरों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसके परिणामस्वरूप, नोएडा में घर के मालिकाना हक लेने की लागत में भी लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।

2019 से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं
सहायक महानिरीक्षक शशि भानु मिश्रा के अनुसार, स्टाम्प और पंजीकरण विभाग ने दरों में संशोधन के लिए जिला अधिकारी को एक प्रस्ताव भेजा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन 2019 के बाद से सर्किल रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इससे प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के बाद विभाग को मिलने वाले राजस्व में वृद्धि नहीं हुई है। इसलिए, राजस्व बढ़ाने के लिए सर्किल रेट की दरों में बदलाव करना आवश्यक है।



जानें क्या होता है सर्किल रेट
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्यांकन दर है, जिस दर पर किसी भी प्रॉपर्टी को बेचा जा सकता है। यही कारण है कि इसे अक्सर संपत्तियों के लिए मार्गदर्शन मूल्य के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिससे डेवलपर्स आमतौर पर अपनी कीमतें सर्किल रेट के अनुरूप निर्धारित करते हैं। सरकार द्वारा संपत्ति लेनदेन से जुड़े विभिन्न शुल्क, फीस और कर की धनराशि निर्धारित करने के लिए सर्किल रेट का ही प्रयोग करती है। इनमें मुख्य रूप से स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाती है। संपत्ति के ट्रांसफर पर लगाया जाने वाले स्टाम्प शुल्क की गणना सर्किल रेट के आधार पर की जाती है। वहीं संपत्ति के लेनदेन को पंजीकृत करने के लिए लिया जाने वाला शुल्क भी सर्किल रेट से निर्धारित होता है। यह सामान्य तौर पर संपत्ति के सर्किल रेट का एक प्रतिशत होता है। इसके अलावा संपत्ति के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए लिया जाना वाला शुल्क आमतौर पर सर्किल रेट पर आधारित होता है। यह शुल्क केवल री-सेल वाली संपत्तियों पर लागू होता है।

री-सेल पर ऐसे प्रभाव डालता है सर्किल रेट 
अगर कोई व्यक्ति नोएडा में 500 वर्ग मीटर की संपत्ति को री-सेल के रूप में खरीदते हैं और नोएडा में इस क्षेत्र का सर्किल रेट 47,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। ट्रांसफर चार्ज सर्किल रेट का 2 प्रतिशत है तो यह 940 रुपये प्रति वर्ग मीटर आता है। ऐसे में इस रीसेल प्रॉपर्टी के लिए ट्रांसफर फीस के रूप में कुल 4,70,000 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए। यदि नोएडा क्षेत्र के सर्किल रेट में 30 प्रतिशत की वृद्धि लागू की जाती है, तो प्री-ओन्ड घर खरीदने के लिए लगभग 3 प्रतिशत अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।

आईये समझते हैं पूरा मामला
सर्किल रेट में वृद्धि के मामले में, किसी संपत्ति की बेसलाइन दर बढ़ जाएगी और स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में भी वृद्धि हो जाएगी। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि नोएडा में कहीं 1,000 वर्ग फीट क्षेत्र वाला 2 बीएचके घर नोएडा में री-सेल प्रॉपर्टी है, जहां कीमत 5,000 रुपये प्रति वर्ग फीट होनी चाहिए। इसलिए, संपत्ति की कीमत 50 लाख रुपये होगी। अगर हम मान लें कि सर्किल रेट भी 5,000 रुपये प्रति वर्ग फीट है, स्टाम्प ड्यूटी 7 प्रतिशत, रजिस्ट्रेशन फीस 1 प्रतिशत और ट्रांसफर फीस 2 प्रतिशत है, तो गणना इस प्रकार होगी। स्टाम्प ड्यूटी 3.5 लाख रुपये, पंजीकरण फीस 50,000 रुपये और ट्रांसफर फीस 1 लाख रुपये होगी। ऐसे में री-सेल प्रॉपर्टी के ट्रांसफर की कुल लागत 5 लाख रुपये होगी अगर सर्किल रेट 30 प्रतिशत बढ़ जाते हैं, तो स्टाम्प ड्यूटी 4.55 लाख रुपये, पंजीकरण शुल्क 65,000 रुपये और हस्तांतरण शुल्क 1.3 लाख रुपये हो जाएंगे। प्रापर्टी के ट्रांसफर की कुल लागत 6.5 लाख रुपये होगी। ऐसे में री-सेल की प्रॉपर्टी के ट्रांसफर में करीब 1.5 लाख रुपये की वृद्धि होगी जो संपत्ति के पुराने मूल्य 50 लाख रुपये का 3 प्रतिशत अधिक है।

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