भ्रष्टाचार का खेल : आवास विकास परिषद के दो अधिकारी सस्पेंड, 50 लाख की रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल

UPT | आवास विकास परिषद दो अधिकारी सस्पेंड

Jun 23, 2024 15:04

उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के गाजियाबाद कार्यालय में तैनात 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारी संपत्ति विभाग में थे।

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के गाजियाबाद कार्यालय में तैनात 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारी संपत्ति विभाग में थे। इनमें एक सहायक लेखाकार और एक संपत्ति प्रबंधक शामिल हैं। आरोपियों ने व्यावसायिक भूखंड आवंटन के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोपियों की वीडियो क्लिप वायरल होने पर कार्रवाई की गई है। 

मेरठ जोन के जोनल कमिश्नर को सौंपी जांच 
अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने सहायक लेखाकार राजकुमार को निलंबित कर दिया है और संपत्ति अधिकारी आनंद कुमार गौतम को उनके पद से हटा दिया है। राजकुमार को गाजियाबाद और संपत्ति प्रबंधक को लखनऊ स्थित मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जिसकी कमान मेरठ जोन के जोनल कमिश्नर को सौंपी गई है। गाजियाबाद निर्माण खंड 2 के अधिशासी अभियंता को दोनों अधिकारियों की चार्जशीट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। सचिव ने यह कार्रवाई गत शुक्रवार को वीडियो क्लिप के आधार पर की। 



रिश्वत की बड़ी राशि (50 लाख रुपये)
वीडियो में सहायक लेखाकार सिद्धार्थ विहार योजना में व्यावसायिक भूखंड आवंटन के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा है। इस मामले की वीडियो क्लिप के साथ कमिश्नर डॉ. बलकार सिंह से शिकायत की गई थी। कमिश्नर ने मुख्यालय के अफसरों की मौजूदगी में वीडियो देखा तो सहायक लेखाकार राजकुमार और संपत्ति प्रबंधक आनंद कुमार गौतम की पहचान हो गई। 

संपत्ति प्रबंधक रिश्वत देने में कर रहे सहयोग
आवास एवं विकास अधिकारियों के अनुसार, सहायक लेखाकार राजकुमार द्वारा व्यवसायिक भूखंडों के आवंटन के संबंध में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी, जिसका सहयोग संपत्ति प्रबंधक आनंद कुमार गौतम कर रहे हैं। हालांकि, मेरठ के मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट आने के बाद दोनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आनंद प्रकाश गौतम बोले- आरोप गलत     
आनंद प्रकाश गौतम को चार महीने पहले ही आवास विकास परिषद के संपत्ति विभाग का प्रबंधक नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह लखनऊ मुख्यालय में तैनात थे। वहीं आनंद गौतम का कहना है कि कुछ दिन पहले कुछ लोग हमसे मिलने आए थे, लेकिन हमने कहा कि कुछ और बातें गलत तरीके से पेश की गई हैं और आरोप लगाए गए हैं। जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।

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