जेवर एयरपोर्ट के पास बसेंगे चार देशों के शहर : यूपी बनेगा अंतरराष्ट्रीय हब, यमुना सिटी के औद्योगिक विकास को मिलेगी गति

UPT | जेवर एयरपोर्ट

Nov 21, 2024 17:39

जेवर एयरपोर्ट के पास चार देशों के शहर बसने की तैयारी है। अमेरिकी सिटी फाइनल होने के बाद जापान और दक्षिण कोरिया भी अपने शहर विकसित करने का प्रस्ताव दे चुके हैं।

Short Highlights
  • यूपी इकलौता राज्य जहां बसेंगे विदेशी शहर
  • शहर के विकास को मिलेगी गति
  • अमेरिकी सिटी प्रोजेक्ट को भी मिली मंजूरी
Noida News : जेवर एयरपोर्ट के पास चार देशों के शहरों के बसने की तैयारी की जा रही है। अमेरिका के बाद जापान और दक्षिण कोरिया ने भी अपने शहर विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य बन जाएगा जहां विदेशी शहर बसेंगे।

यूपी बनेगा अंतरराष्ट्रीय हब
21 नवंबर को ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल यमुना सिटी का दौरा करेगा, जहां संभावित एजुकेशन सिटी के स्थान का सर्वेक्षण किया जाएगा। जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया चौथा देश है जिसने यहां शहर बसाने में रुचि दिखाई है। जापान और कोरिया के शहरों के लिए भूमि आवंटन भी हो चुका है।


चार देशों के शहरों के बसने की तैयारी 
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास का क्षेत्र अब अंतरराष्ट्रीय स्वरूप लेने जा रहा है। सेक्टर 4-ए और 5-ए में जापानी और कोरियाई शहरों का विकास होगा। जापानी सिटी सेक्टर 5-ए में 395 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाएगी, जबकि कोरियाई सिटी सेक्टर 4-ए में 365 हेक्टेयर भूमि पर बनेगी। दोनों शहरों में इलेक्ट्रॉनिक्स, चिप्स, सेमीकंडक्टर, एआई उपकरण और कैमरे बनाने वाली कंपनियां होंगी।

अमेरिकी सिटी प्रोजेक्ट को भी मंजूरी 
इसके अलावा, नोएडा एयरपोर्ट के पास प्रस्तावित अमेरिकी सिटी प्रोजेक्ट को भी मंजूरी मिल चुकी है। इस शहर में स्कूल, कॉलेज और कला व संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय संस्थान स्थापित किए जाएंगे। अमेरिकी सिटी करीब 1200 एकड़ में बसेगी, और अमेरिकी कंपनियां इसमें छह साल में चार अरब डॉलर का निवेश करेंगी

शहर के विकास को मिलेगी गति
इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना और यमुना सिटी के औद्योगिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाना है। इसके तहत दो नए औद्योगिक सेक्टरों का विकास किया जाएगा, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन परियोजनाओं से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में भी भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया जा सकेगा।

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