जिलाधिकारी द्वारा आख्या रिर्पोट में पाया गया कि लोनी और मुरादनगर की आख्या रिर्पोट बेहद बेकार थी। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी सीएमएस व एसीएमओ को आदेशित किया जाए कि वे अपने अधीनस्थ चिकित्सकों के साथ बैठक करें।