राहु के दोष से बचने के लिए, सरस्वती पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
Short Highlights
कुंडली में राहु दोष को माना गया है प्रभावी
ज्योतिष के अनुसार राहु को मायावी ग्रह बताया
रंक को राजा और राजा को रंक बनाने की क्षमता
Rahu Dosh Upay : कुंडली में अगर राहुल का प्रभाव है तो ये ग्रह रंक को राजा और राजा को रंक बनाने की क्षमता रखता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह का वर्णन है। पुराणों में राहु को छाया ग्रह बताया गया है। पंडित राहुल शास्त्री के अनुसार पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव को भी राहु कहा जाता है।
राहु को मायावी ग्रह बताया गया
ज्योतिष में राहु को मायावी ग्रह बताया गया है। इसको समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए इसके बारे में कहा गया है कि कलयुग में राहु ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क्षमता रखता है। कलयुग में राहु को प्रभावी माना गया है। राहु अगर कुंडली में सही अवस्था में है तो ये उम्मीद से कई गुना अच्छा परिणाम देता है। ये रातों-रात भाग्य बदलने वाला ग्रह माना गया है। राहु ग्रह को कम नहीं समझना चाहिए। राहु अपनी दशा और विशेष गोचर काल में, तरह-तरह के रंग दिखाता है जिसकी जीवन में कल्पना करना मुश्किल है।
राहु शुभ फल भी देता है
राहु शुभ फल देता है, राहु से डरना नहीं चाहिए। राहु खराब फल ही देता है ऐसा नहीं। राहु के बारे में एक बात ये है कि अगर ये अच्छे फल देने पर आता है तो कोई ग्रह इसकी बराबरी नहीं कर सकता है। ये रातों रात किस्मत बदल देता है। ये मिट्टी को हीरा बना सकता है। हीरे को मिट्टी में मिला देता है। ज्योतिष के अनुसार राहु शुभ-अशुभ दोनों तरह के फल देता है। कुंडली में राहु मनुष्य के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करता है।
राहु अगर खराब है तो
राहु अगर खराब है तो वह सब क्षेत्र में मनुष्य का नुकसान करेगा और अगर राहु मजबूत है तब सभी क्षेत्र में लाभ प्रदान करेगा। कुल मिलाकर राहु ग्रह कलयुग का राजा है। सभी भौतिक और बित्तीय स्थितियां राहु के अधीन बताई गई हैं।
राहु और केतु का परिक्रमा चक्र 18 साल
राहु और केतु का परिक्रमा चक्र 18 साल का होता है। राहु को क्रूर ग्रह माना गया है। राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है। राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
राहु को मजबूत करने का उपाय
राहु के दोष से बचने के लिए, नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। राहु के दोष से बचना है तो शराब और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। राहु दोष से बचने के लिए, शिव साहित्य और शिवपुराण का पाठ करना चाहिए। राहु के दोष से बचने के लिए, सरस्वती पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
राहु को मजबूत करने के लिए क्या करें
अमावस्या के दिन पीपल के नीचे दीपक जलाएं, गरीबों को दान करें। राहु यंत्र की स्थापना करें, रसोई में भोजन करें, शरीर में पानी की कमी न होने दें। शिव सहस्रनाम और हनुमत सहस्त्रनाम का भी पाठ करें, ज्ञान की देवी सरस्वती को राहु की इष्ट देवी माना गया है, सरस्वती पूजा से राहु दोष दूर होता है, नशा न करें, गलत संगत से दूर रहेंं।