Holi 2024 : होली पर लग रहा पञ्च महायोगों से युक्त दुर्लभ त्रिग्रही योग महाफलदायी

UPT | मेरठ में होली पूजन (फाइल फोटो)।

Mar 20, 2024 15:24

भद्रा इस बार 9:56 से प्रारंभ होकर 11:14 पर समाप्त होगी। इस प्रकार होलिका दहन प्रदोष व्यापनी व भद्रामुक्त शुभ समय रात्रि में 11:15 से 12:27 किया जाना शास्त्र सम्मत...

Short Highlights
  • इस साल दुर्लभ योग में मनाई जाएगी होली 
  • प्रदोषकालीन पूर्णिमा रात्रि में 9.56 पर वृद्धि योग
  • होलिका दहन प्रदोष व्यापनी व भद्रामुक्त शुभ समय 
Holi : इस बार होली पर पञ्च महायोगों से युक्त त्रिग्रही दुर्लभ योग लग रहा है। पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस बार 24 मार्च दिन रविवार को प्रदोषकालीन पूर्णिमा रात्रि में 9:56 पर वृद्धि योग, विष्टिकरण, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रारंभ होकर 25 मार्च, सोमवार को दोपहर 12:30 तक रहेगी। उन्होंने बताया कि भद्रा इस बार 9:56 से प्रारंभ होकर 11:14 पर समाप्त होगी। इस प्रकार होलिका दहन प्रदोष व्यापनी व भद्रामुक्त शुभ समय रात्रि में 11:15 से 12:27 किया जाना शास्त्र सम्मत तथा उचित रहेगा।   

त्रिग्रही योग होने से विशेष फलदायी 
इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग, गंड योग, धन शक्ति योग, बुधादित्य योग, कुम्भ राशि में शनि, मंगल, शुक्र ग्रह होने से त्रिग्रही योग होने से विशेष फलदायी हो गयी है। 

ऐसे बनायें होलिका दहन स्थल 
जहां भी होलिका दहन करना हो सर्वप्रथम थोड़े गोबर और जल से स्थान को लीप कर पवित्र कर लें। जिसमें एक अरण्ड वृक्ष की टहनी अथवा गूलर की टहनी जिसे पलाश अथवा उदुम्बर  पुकारा जाता है गाड़ कर डंडे के समान खड़ी कर दें तथा इसे भक्त प्रहलाद मान कर पूजन करें। इसके बाद गूलर के फूलों की माला पहनाएं तथा बालक प्रहलाद के लिए आस-पास खिलौनों के रूप में ढाल तलवार आदि मिट्टी कागज के खिलौने आदि रखें तथा जल, मावा, नारियल आदि चढ़ाए। उसके बाद लकड़ी, कण्ड़ें, उपले लगाकर होली पूजन करने के बाद अग्नि लगाते ही उस अरण्ड की लकड़ी को भक्त प्रहलाद के रूप में सुरक्षित बाहर निकाल लें तथा महिलायें उस समय सात बार जल का अर्घ्य, रोली, चावल चढ़ाएं तथा होली के बधाई गीत गावें। 
 

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