संस्कृति और संस्कार हमें देते हैं पहचान : इन्हें संरक्षित और प्रोत्साहित करना चाहिए, नगर विधायक ने और क्या कहा, पढ़िए 

UPT | नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा ने पुस्तक का विमोचन किया।

Nov 27, 2024 23:46

नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा ने "विंध्य शिखर मिर्जापुर- सांस्कृतिक विरासत" पुस्तक का विमोचन किया। लेखक डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ने पुस्तक को विंध्य क्षेत्र की सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक धरोहरों का समग्र विवरण बताते हुए इसे जड़ों से जोड़ने का प्रयास कहा।

Mirzapur News :  नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा ने विंध्याचल धाम में "विंध्य शिखर मिर्जापुर- सांस्कृतिक विरासत" पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक के लेखक डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे मिर्जापुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जानने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया।



सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्यों का एक समग्र विवरण 
पुस्तक के लेखक डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह पुस्तक विंध्य क्षेत्र के सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्यों का एक समग्र विवरण है। इसमें क्षेत्र की समृद्ध विरासत और परंपराओं को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य लोगों को अपनी जड़ों और संस्कारों से जोड़ना है।

भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ें कभी उखड़ नहीं सकीं 
विधायक रत्नाकर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति और संस्कार हमें हमारी पहचान देते हैं। समय-समय पर हमें इन्हें संरक्षित और प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा, "कालांतर में हमें अपनी संस्कृति से अलग करने के प्रयास हुए, लेकिन भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ें कभी उखड़ नहीं सकीं।" उन्होंने लेखक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर को जानने और समझने का जरिया बनेगी।

इस कार्यक्रम में नगर के गणमान्य व्यक्ति और विद्वान उपस्थित थे, जिनमें राजपति ओझा, डॉ. राजेश मिश्रा, आनंद मोहन मिश्रा, पद्माकर मिश्र, मोहित मिश्रा, महेंद्र पांडेय और मनीष कुमार शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन अमित आनंद ने किया।

कार्यक्रम की मुख्य बातें 
  • पुस्तक "विंध्य शिखर" मिर्जापुर की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है।
  • इसमें विंध्य क्षेत्र के धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तथ्यों का उल्लेख है।
  • नगर विधायक ने पुस्तक को मिर्जापुर की धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास बताया।
  • पुस्तक विमोचन के इस आयोजन ने मिर्जापुर के इतिहास और संस्कृति के महत्व को नए सिरे से उजागर किया और लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। 
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