Mirzapur News : प्रथम पांडेय बने सेना में लेफ्टिनेंट, पासिंग आउट परेड में बढ़ाया जिले का गौरव

UPT | प्रथम पांडेय बने सेना में लेफ्टिनेंट

Dec 17, 2024 01:08

शनिवार को आयोजित इस गरिमामय परेड में कुल 456 कैडेट्स ने भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की।

Mirzapur News : "अगर कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं।" यह बात मिर्जापुर के होनहार युवा प्रथम पांडेय ने सच कर दिखाया। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान प्रथम पांडेय ने लेफ्टिनेंट पद ग्रहण कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे मिर्जापुर जिले का नाम रोशन किया। शनिवार को आयोजित इस गरिमामय परेड में कुल 456 कैडेट्स ने भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की। इसी समारोह में प्रथम पांडेय को सेना के सिग्नल कोर में लेफ्टिनेंट के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई। जैसे ही सेना के अधिकारी ने उनके कंधे पर स्टार लगाए, परिवार और जिलेभर में खुशी की लहर दौड़ गई।

प्रथम की शिक्षा से लेकर सफलता की कहानी
प्रथम पांडेय मूल रूप से मिर्जापुर के दुर्गा बाजार बेलखरिया इलाके के निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा मिर्जापुर में ही हुई। उन्होंने सेंट मैरी स्कूल से हाईस्कूल में 92% अंक हासिल किए और इंटरमीडिएट की परीक्षा विंध्यवासिनी पब्लिक स्कूल से 94% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इंटर के बाद 2020 में उन्होंने जेईई मेन्स परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए। इसके बाद टीईएस (टेक्निकल एंट्री स्कीम) के माध्यम से सेना में चयनित होकर उन्होंने टेली-कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की।



परिवार की आंखों में खुशी के आंसू
प्रथम के लेफ्टिनेंट बनने के इस गौरवशाली पल का हिस्सा बनने उनके माता-पिता सुभाष चंद्र पांडेय और प्रियंका पांडेय देहरादून पहुंचे। माता-पिता ने कहा कि यह पल उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। सुभाष चंद्र पांडेय इंडस्ट्रियल एरिया पथरहिया में "अमर केमिकल इंडस्ट्री" का संचालन करते हैं, जबकि उनकी मां कुशल गृहिणी हैं।

मेहनत और समर्पण का नतीजा
प्रथम की इस सफलता पर उनके दादा भोलानाथ पांडेय और अमरनाथ पांडेय समेत बहन प्राप्ति पांडेय ने खुशी व्यक्त की। परिजनों ने कहा कि यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है। प्रथम पांडेय के लेफ्टिनेंट बनने से मिर्जापुर जिले के युवाओं को प्रेरणा मिली है, जो सेना में सेवा का सपना देखते हैं

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