सोनभद्र न्यूज़ : अधिवक्ता विकास शाक्य ने कहा- खनन माफियाओं द्वारा पहुंचाया जा रहा है पर्यावरण को भारी क्षति

UPT | याचिकाकर्ता के अधिवक्ता।

Mar 12, 2024 18:08

बिल्ली मारकुण्डी की पत्थर खादानों में भारी विस्फोट से अजगर और रसल वाइपर के ठिकाने तबाह हो रहे है। पांच पत्थर खादानों पर...

Short Highlights
  • खादानों के खिलाफ उठाए जाएंगे कदम
  • NGT ने 5 मार्च को दिया यह आदेश
Sonbhadra News (Gyan Prakash chaturvedi) : बिल्ली मारकुण्डी की पत्थर खादानों में भारी विस्फोट से अजगर और रसल वाइपर के ठिकाने तबाह हो रहे हैं। पांच पत्थर खादानों पर एनजीटी (NGT) ने कमेटी गठित की है। अब खादानों की गहराई नापी जाएगी। याचिकाकर्ता तिलका माझी फाउंडेशन के ऋतिशा और अधिवक्ता विकास शाक्य ने यह जानकारी दी है। 

पर्यावरण को पहुंचाया जा रहा है क्षति
एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली में याचिका प्रस्तुत करने वाली ऋतिशा ने कहा कि बिल्ली मारकुण्डी में जिन पहाड़ों पर पत्थर का खनन किया जा रहा है, वह अजगर और रसलवाइपर का ठिकाना है। वहां पर खननकर्ता द्वारा भारी मात्रा में बारूद का प्रयोग करके विस्फोट किया जा रहा है। जिससे कई ठिकाने तबाह हो रहे हैं। वन विभाग सुरक्षित वन और राज्य सरकार की जमीनों में जो सीमा निर्धारण किया है, वह दोहरी लूट की छूट खनन कर्ताओं को दे रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाया जा रहा है। याचिका अपने अधिवक्ता अभिषेक चौबे के माध्यम से इस सम्बन्ध में प्रस्तुत किया है।

अधिवक्ता चौबे ने दी जानकारी
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि अरूण सिंह यादव का महादेव इंटर प्राइजेज, सचिन अग्रवाल का ओमेक्स इंटर प्राइजेज लिमिटेड, संजीव कुमार शर्मा का बाबा खाटू इंडस्ट्रीज, मनिष खुशलानी का केडी रिर्सोसेज प्रा.लि., सुरेश चन्द्र गिरी, साकिब खान का बाला जी स्टोन वर्क्स के खिलाफ अवैध खनन करके पर्यावरण की क्षति पहुंचाने और अजगर और रसलवाइपर के रहवास को भारी विस्फोट से तबाह करने के सम्बन्ध में याचिका प्रस्तुत की गयी थी। जिस पर एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच ने DGMS खान सुरक्षा निर्देशालय वाराणसी, केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य सचिव (CPCB), सदस्य सचिव पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, DFO सोनभद्र तथा जिलाधिकारी सोनभद्र की संयुक्त कमेटी गठीत की है। सोनभद्र जिलाधिकारी को समन्वय के रूप में कार्य करने का निर्देश दी है। संयुक्त समीति अवैध खनन की सीमा वन क्षेत्र में खनन तथा EC शर्तों के उल्लघंन की जांच करते हुए पर्यावरण की क्षति का भी निर्धारण करेगी। NGT ने 5 मार्च को यह आदेश दिया है।

खादानों के खिलाफ उठाए जाएंगे कदम
तिलका मांझी फाउण्डेशन के विधिक सलाहकार एवं पर्यावरण पर काम करने वाले वकील विकाश शाक्य ने कहा कि सोनभद्र के सभी खादानों की गहराई नापी जायेगी, जो मानक के विपरीत चल रही है। खनन के मामले में वन विभाग की पूरी संलिप्तता और संरक्षण है। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों को किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा। अजगर और रसलवाइपर के संरक्षण के लिए जिम्मेदार पत्थर खादानों के खिलाफ शीघ्र ही कदम उठाये जाएंगे।

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