सोनभद्र में देव दीपावली : सोन नदी के तट पर भव्य आयोजन की तैयारियां, 25 हजार दीयों से रोशन होंगे घाट

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 11, 2024 20:58

सोन नदी के किनारे इस पर्व के आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्य आयोजन सोनेश्वर घाट पर होगा, जो वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग के पास स्थित है...

Short Highlights
  • सोनभद्र में देव दीपावली की भव्य तैयारियां
  • 25 हजार दीयों से रोशन होंगे घाट
  • चप्पे-चप्पे पर पुलिस और गोताखोर रहेंगे तैनात
Sonbhadra News : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में देव दीपावली का आयोजन होता है, लेकिन सोनभद्र का आयोजन अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। यहां के सोन और रेणुका नदियों के किनारे पर यह महापर्व मनाया जाता है, जहां काशी और अयोध्या से आए पुरोहितों द्वारा काशी और सरयू नदी की आरती का अद्भुत संगम दृश्य प्रस्तुत किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है, जो इस आयोजन को और भी विशेष बना देता है।

देव दीपावली की तैयारियां जोरों पर
सोन नदी के किनारे इस पर्व के आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्य आयोजन सोनेश्वर घाट पर होगा, जो वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग के पास स्थित है। इसके अलावा, आसपास के अन्य घाटों को भी खूबसूरत ढंग से सजाया जा रहा है, जिससे घाटों की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। घाटों की यह सजावट न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ाती है, बल्कि देखने वालों के लिए एक दृश्यात्मक आनंद भी प्रस्तुत करती है।



25 हजार दीपों से जगमगाएंगे घाट
इस बार ओबरा में स्थित रेणुका नदी के किनारे भी इस भव्य आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। यहां करीब 25 हजार दीपों से घाटों को रोशन किया जाएगा, जो एक अद्वितीय दृश्य उत्पन्न करेगा। इसके साथ ही, प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जो इस उत्सव को और भी रंगीन बनाएंगे और लोगों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वता दोनों को प्रदर्शित किया जाएगा।

आयोजन में शामिल होंगे वरिष्ठ अधिकारी
इस भव्य आयोजन में कई जनप्रतिनिधि और जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहते हैं। कार्यक्रम को सफल और व्यवस्थित बनाने के लिए स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लगभग दो घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान नदी के बीच नावों पर आतिशबाजी और आकर्षक सजावट भी की जाती है, जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की कड़ी निगरानी और गोताखोरों की तैनाती की गई है, ताकि कोई अप्रत्याशित घटना न घटे। आयोजन समिति द्वारा लगातार बैठकों के माध्यम से कार्यक्रम की योजनाओं और रणनीतियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है।

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