कैप्टन अंशुमान के माता-पिता को भी मिला था मुआवजा : सेना ने स्पष्ट की स्थिति, पत्नी को पेंशन मिलने की बताई वजह

UPT | कैप्टन अंशुमान के माता-पिता को भी मिला था मुआवजा

Jul 15, 2024 13:38

सेना की तरफ से कहा गया है कि कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपये दिए गए थे और यह रकम माता-पिता और पत्नी में बराबर-बराबर बंटी थी।

Short Highlights
  • कैप्टन अंशुमान मामले पर सेना की आई सफाई
  • माता-पिता के आरोपों पर दी सफाई
  • माता-पिता को मिली थी वित्तीय सहायता
New Delhi : शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि बेटे की मौत के बाद पत्नी स्मृति सब कुछ लेकर अपने मायके चली गई और उन्हें कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद स्मृति ने भी कहा था कि किसी की सोच का कुछ नहीं कर सकते। मामला बढ़ने पर अब सेना ने भी अपनी तरफ से स्पष्टीकरण दिया है। सेना की तरफ से कहा गया है कि कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपये दिए गए थे और यह रकम माता-पिता और पत्नी में बराबर-बराबर बंटी थी।

अंशुमान के माता-पिता के आरोप गलत?
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी के सूत्रों ने ये दावा किया है कि कैप्टन अंशुमान के परिवार को आर्मी ग्रुप इश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपए दिए गए हैं, जिसमें से 50 लाख रुपये अंशुमान के माता-पिता और 50 लाख रुपये पत्नी स्मृति को मिले हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से भी परिवार को 50 लाख रुपये दिए गए थे, जिसमें से 15 लाख रुपये माता-पिता को और 35 लाख रुपये पत्नी को मिले थे। अब सवाल ये उठता है कि वित्तीय सहायता मिली थी, फिर उन्होंने ऐसे आरोप क्यों लगाए?

पेंशन पर भी आई सही जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक सेना की तरफ से मिलने वाली पेंशन पत्नी स्मृति को इसलिए दी जा रही है, क्योंकि अंशुमान ने उन्हें ही नॉमिनी बनाया था। कहा गया कि अंशुमान की पत्नी को ये सारी बेनेफिट इसलिए मिल रहे हैं, क्योंकि नॉमिनी में उनका ही नाम था। ये भी कहा गया कि अंशुमान के पिता खुद सेना में रहे हैं और उन्हें भी अपनी पेंशन और सैनिकों को मिलने वाली दूसरी सुविधाएं मिलती हैं। आपको बता दें कि सेना में शामिल किसी व्यक्ति की शादी होने पर पेंशन के लिए नॉमिनी पत्नी ही होती है।

कैप्टन अंशुमान को मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र
कैप्टन अंशुमान मार्च 2020 में आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में शामिल हुए थे। उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हुई थी। यहां सेना के कैंप में आग लगने पर कैप्टन अंशुमान ने अपने साथियों की जान बचाते हुए शहादत दी थी। उनकी इस वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिला था। ये सम्मान राष्ट्रपति के हाथों कैप्टन की पत्नी और मां ने स्वीकार किया था। अंशुमान के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें कीर्ति चक्र छूकर देखने को भी नहीं मिला।

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