भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे मनमोहन सिंह : सार्वजनिक जीवन में अहम पदों पर किया कार्य, वित्त मंत्री के रूप में किए ऐतिहासिक बदलाव

सोशल मीडिया | पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह

Dec 26, 2024 23:27

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हे...

Delhi News : देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला। वह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और देश के चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पीएम थे। उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया है। जिनकी कड़ी मेहनत और योगदान से भारत की आर्थिक नीतियों में बदलाव आया था।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री की थी प्राप्त 
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था। उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी मैट्रिक पूरी की और बाद में ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल की उपाधि हासिल की। इसके साथ ही वे पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी पढ़ाते रहे। उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

मिले कई महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान 
डॉ. मनमोहन सिंह को उनके सार्वजनिक करियर में कई महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान मिले। इनमें भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987) शामिल है। इसके अलावा, उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995), और एशिया मनी और यूरो मनी अवार्ड जैसे कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों ने उन्हें मानद उपाधियों से सम्मानित किया। उनके योगदान को न केवल भारत में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया।

भारतीय सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर किया कार्य 
मनमोहन सिंह ने भारतीय सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 1971 में वह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने और इसके बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार की भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में भी कार्य किया। 1991 से 1996 तक वह भारत के वित्तमंत्री रहे और उनके द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने देश की अर्थव्यवस्था में एक नया मोड़ दिया। उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आर्थिक स्थिति में स्थापित किया।

आर्थिक नीति निर्धारण में देश की आर्थिक दिशा दिया नया मोड़ 
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 16 सितंबर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गर्वनर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण कानूनी सुधार किए गए और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में एक नया अध्याय जोड़ा गया। इसके साथ ही शहरी बैंक विभाग की स्थापना भी की गई। आरबीआई में अपनी सेवाओं के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री बनने से पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को भारत में आर्थिक उदारीकरण और सुधारों की शुरुआत के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने आर्थिक नीति निर्धारण में अपनी भूमिका से देश की आर्थिक दिशा को नया मोड़ दिया।
 

Also Read