महाकुंभ में कला का अद्भुत संगम : टॉप 100 हस्तशिल्पियों का भव्य प्रदर्शन, पहली बार होगा राष्ट्रीय स्तर का हस्तशिल्प आयोजन

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Nov 14, 2024 15:17

महाकुंभ 2025 में एक नया और अनोखा पहल देखने को मिलेगा। जहाँ पर देशभर की पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस बार महाकुंभ के आयोजन में विशेष...

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 में एक नया और अनोखा पहल देखने को मिलेगा। जहाँ पर देशभर की पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस बार महाकुंभ के आयोजन में विशेष रूप से कला, संस्कृति और हस्तशिल्प को प्राथमिकता दी जा रही है और इसके लिए विस्तृत तैयारियां चल रही हैं। इस बार महाकुंभ में श्रद्धालु न केवल धर्म की आस्था में लीन होंगे बल्कि विभिन्न राज्यों की पारंपरिक कला, शिल्प और उत्पादों का भी आनंद ले सकेंगे।

देशभर के टॉप 100 हस्तशिल्पियों का प्रदर्शन
महाकुंभ में इस बार देशभर के शीर्ष 100 हस्तशिल्पी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इन हस्तशिल्पियों द्वारा बनाई गई वस्तुएं और शिल्प, देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेंगे। इन प्रदर्शनी स्टॉल्स पर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हस्तशिल्प जैसे बांस, मिट्टी, कांसा, लकड़ी और रेशमी वस्त्रों का संग्रह देखने को मिलेगा। खासकर ओडीओपी (One District One Product) पहल के तहत प्रत्येक राज्य का विशिष्ट उत्पाद प्रदर्शित किया जाएगा।

ओडीओपी उत्पादों का विशेष आकर्षण
प्रदर्शनी में ओडीओपी उत्पादों को एक विशेष स्थान दिया जाएगा। इस पहल के तहत प्रत्येक राज्य का एक प्रमुख हस्तशिल्प और उत्पाद प्रस्तुत किया जाएगा। जो न केवल उसकी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाएगा बल्कि स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन भी देगा। ओडीओपी उत्पाद जैसे उत्तरप्रदेश की बनारसी साड़ी, उत्तराखंड का लकड़ी का शिल्प, राजस्थान की जरी वर्क साड़ियों के अलावा हर राज्य का विशिष्ट हस्तशिल्प देखने को मिलेगा। श्रद्धालु इन वस्तुओं को न केवल देख सकेंगे, बल्कि इनको खरीदने का भी अवसर मिलेगा।

महाकुंभ को अलौकिक बनाने की तैयारियां
प्रयागराज महाकुंभ को इस बार और भी विशेष और अद्भुत बनाने के लिए हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कला प्रदर्शनी, हस्तशिल्प मेले और योग कक्षाओं के माध्यम से महाकुंभ को एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव बनाने की योजना बनाई जा रही है। श्रद्धालुओं को एक समग्र अनुभव देने के लिए आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा सबसे बड़ा हस्तशिल्प आयोजन
यह महाकुंभ का इतिहास में पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय स्तर पर हस्तशिल्प का आयोजन किया जा रहा है। देशभर से विभिन्न कारीगरों को इस मंच पर लाकर उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा। यह आयोजन ना सिर्फ कला के प्रति सम्मान को दर्शाता है बल्कि स्थानीय कारीगरों और छोटे उत्पादकों को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने का भी मौका देगा।

ई-कॉमर्स कंपनियों को टक्कर देंगे हस्तशिल्प उत्पाद
महाकुंभ में प्रदर्शित होने वाले हस्तशिल्प उत्पादों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के उत्पादों को चुनौती देने की पूरी ताकत दिखाई है। कई कारीगर अपने कला उत्पादों को इस प्लेटफॉर्म पर इस उम्मीद के साथ पेश करेंगे कि ये पारंपरिक शिल्प वस्तुएं ऑनलाइन स्टोर से बेहतर बिक्री करेंगी। महाकुंभ में किए गए इस प्रयास से स्थानीय कारीगरों को न सिर्फ एक अच्छा मंच मिलेगा, बल्कि वे अपनी कला को एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचा सकेंगे।

मूंज से बने उत्पादों का भी होगा विशेष आकर्षण
महाकुंभ में इस बार मूंज से बने हस्तशिल्प उत्पादों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। मूंज (ख़ास किस्म की घास) से बने उत्पाद, जैसे जूते, बैग, टोकरियां, सजावटी सामान आदि, श्रद्धालुओं के बीच एक नई आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। ये उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि इनमें पारंपरिक शिल्पकला की बेजोड़ छाप भी देखने को मिलती है।

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