इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन को विश्वविद्यालय द्वारा एक लिखित चेतावनी जारी की गई है।...
Nov 22, 2024 12:56
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन को विश्वविद्यालय द्वारा एक लिखित चेतावनी जारी की गई है।...
Prayagraj News : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन को विश्वविद्यालय द्वारा एक लिखित चेतावनी जारी की गई है। यह चेतावनी देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के कारण दी गई है, जिसके बाद प्रोफेसर पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इस मामले ने विश्वविद्यालय में विवाद खड़ा कर दिया, क्योंकि टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हलचल मची थी।
सार्वजनिक रूप से मांगी थी माफी
इससे पहले, प्रो. विक्रम ने सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ एक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था। यह टिप्पणी हिंदू धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को आहत करने वाली मानी गई थी। हालांकि, बाद में प्रोफेसर ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी, लेकिन मामला अभी भी तूल पकड़ चुका था।
कार्य परिषद की बैठक में लिया गया फैसला
इसके बाद, 3 अक्टूबर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक हुई, जिसमें कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि अगर विश्वविद्यालय के किसी कर्मचारी या शिक्षक की गतिविधियों से विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान होता है, तो उन्हें सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के कर्मचारी सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय के बारे में लिखने से पहले कुलपति से अनुमोदन लेंगे। इसी बैठक में प्रोफेसर विक्रम को देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर चेतावनी देने का निर्णय लिया गया था।
प्रोफेसर हरिजन को मिली दी गई चेतावनी
14 नवंबर को विश्वविद्यालय के रजिस्टार प्रो. आशीष खरे ने एक पत्र जारी किया, जिसमें डॉ. विक्रम हरिजन को चेतावनी दी गई। पत्र में कहा गया कि कार्यकारिणी परिषद ने उन्हें भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने की सलाह दी है और धर्म और संस्कृति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सार्वजनिक या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भड़काऊ टिप्पणियां करने से रोकने की हिदायत दी है। अगर भविष्य में इस तरह की टिप्पणी की गई, तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मामले में क्या बोले प्रोफेसर हरिजन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा कि अगर धर्म और जाति के नाम पर अंधविश्वास फैलाया जा रहा है, तो वह उस पर अपनी बात जरूर रखेंगे और उन्होंने यह भी कहा कि नोटिस मिलने के बावजूद वह अपनी राय व्यक्त करने से नहीं रुकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह सिर्फ हिंदू धर्म नहीं, बल्कि सभी धर्मों के खिलाफ बोलते हैं, जो जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि वे एक पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं, जिसमें वह यह सिखाते हैं कि हर धर्म में मार्जिनल कम्युनिटीज या हाशिए के लोग नजरअंदाज किए जाते हैं, चाहे वह हिंदू धर्म हो, इस्लाम हो या सिख धर्म।
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