महाकुंभ 2025 : श्री पंचायती अखाड़ा और बड़ा उदासीन अखाड़े के संतों ने किया भूमि पूजन, छावनी निर्माण शुरू

UPT | भूमि पूजन करते हुए संत और अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी

Nov 21, 2024 16:20

प्रयागराज में आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियां पूरी जोर से शुरू हो गई हैं। त्रिवेणी संगम पर 13 जनवरी से आरंभ होने वाले इस विशाल धार्मिक उत्सव के लिए पहली औपचारिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अखाड़ों को सबसे पहले भूमि आवंटन किया गया है, जिसके साथ ही भूमि पूजन की शानदार प्रक्रिया आरंभ हो गई है।

Prayagraj News : प्रयागराज के त्रिवेणी पर 13 जनवरी से लगने वाले महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर आबाद होने लगा है। महाकुंभ मेले में सबसे पहले अखाड़ों को भूमि का आवंटन किया गया है। इसलिए सबसे पहले अखाड़ों की ओर से आवंटित भूमि पर भूमि पूजन की शुरुआत की गई है। गुरुवार को उदासीन परंपरा के दो अखाड़ों ने श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन और श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन अखाड़े के संतों ने भूमि पूजन किया। उदासीन अखाड़े के संतों ने मेला क्षेत्र में छावनी निर्माण के लिए भूमि पूजन कर महाकुम्भ की औपचारिक शुरुआत कर दी है।

संगम तट पर विधि विधान से गंगा पूजन किया
भूमि पूजन से पहले साधु संत संगम तट पहुंचे और विधि विधान से गंगा पूजन भी किया। जिसके बाद मेला क्षेत्र में त्रिवेणी मार्ग पर आवंटित भूमि पर पहुंचकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन किया। साधु संतों ने इस मौके पर प्रयागराज के सभी देवी देवताओं का आह्वान किया और विश्व के कल्याण की कामना की। इस दौरान बड़ा उदासीन अखाड़े के मुखिया महंत दुर्गादास, महंत व्यास मुनि, शिवानंद कोठारी, महंत जगत्तार मुनि के साथ ही कई अन्य संत मौजूद रहे। 
 

अब दंडी बाड़ा के लिए भूमि आवंटित की जा रही
इस मौके पर प्रशासन की ओर से एडीएम महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी और एसएसपी महाकुंभ मेला राजेश द्विवेदी भी शामिल हुए। अपार मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, भूमि आवंटन के बाद संतों द्वारा परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना की जा रही है। उनके अनुसार अब दंडी बाड़ा के लिए भूमि आवंटित की जा रही है। इससे पहले बुधवार 20 नवंबर को शैव परंपरा के पांच अखाड़ों ने छावनी निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था।

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छावनी निर्माण के बाद अखाड़े के संत यहीं रुकेंगे
बुधवार को श्री निरंजनी, जूना, अग्नि, आवाहन व आनंद अखाड़े ने भूमि पूजन किया था। अखाड़ों ने भूमि पूजन के साथ ही अब महाकुम्भ की तैयारियां शुरू कर दी हैं। छावनी निर्माण के बाद अखाड़े के संत-महात्मा महाकुंभ में यहीं रुकेंगे। यहीं पर अपने शिविरों में धूनी रमायेंगे और तरह-तरह के कठिन जप और तप करेंगे। संतों की रेती पर साधु संतों की अनूठी साधना को देखने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। बड़ा उदासीन अखाड़े के संत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत दुर्गादास का कहना है कि 2025 का महाकुंभ दिव्य और भव्य होगा। सभी तेरह अखाड़े मिलकर इस आयोजन को भव्यता प्रदान करेंगे।
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