Navratri News : नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में भारी भीड़, शैलपुत्री के आशीर्वाद को उमड़े श्रद्धालु

UPT | मंदिर में भक्तों की कतार।

Apr 09, 2024 10:37

चैत्र नवरात्र और नव संवत्सर 2081 के मौके पर शक्तिपीठ अलोप शंकरी देवी और प्रयागराज के दूसरे देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इसे वासंतिक नवरात्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां के देवी...

Short Highlights
  • नौ योगों का मिलन दुर्भल संयोग बन कर आएगा, त्रिपुष्कर योग, रवि योग भी मिलेंगे। 
  • अमृत सिद्धि योग सुख-समृद्धि का प्रदाता बनकर आ रहा है।
Navratri News : चैत्र नवरात्र और नव संवत्सर 2081 के मौके पर शक्तिपीठ अलोप शंकरी देवी और प्रयागराज के दूसरे देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इसे वासंतिक नवरात्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा है। लोग लम्बी कतारों में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की श्रद्धालु आराधना कर रहे हैं। प्राचीन अलोप शंकरी शक्ति सिद्ध पीठ मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नवरात्र के पहले दिन पूजा अर्चना कर रहे हैं।

रेवत नक्षत्र में होगा देवी का आगमन
ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं। लोग घरों में भी कलश रखकर नौ दिन का उपवास रखते हैं और रामनवमी को कन्या पूजन के साथ व्रत का परायण करते हैं। इसके साथ ही मंदिरों में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। चैत्र नवरात्र इस बार नौ दिन का होगा।  मां का आगमन हर किसी के लिए मंगलकारी होगा। इसी के साथ नौ दिन में कई दुर्लभ योग भी मिलेंगे। इस बार चैत्र नवरात्रि में देवी का आगमन भक्तों के कल्याण के लिए रेवती नक्षत्र में होगा। नौ दिनों में नौ योगों का मिलन दुर्भल संयोग बन कर आएगा। त्रिपुष्कर योग, रवि योग भी मिलेंगे। अमृत सिद्धि योग सुख-समृद्धि का प्रदाता बनकर आ रहा है। 

ब्रह्म मुहूर्त में ही कलश स्थापना 
चैत्र नवरात्रि के अनुष्ठान इस बार सनतनधर्मी परिवारों में घर-घर में कलश स्थापना किया गया है। सूर्योदय के साथ ही ब्रह्म मुहूर्त में ही कलश स्थापना कर दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा पाठ आरंभ हो गए हैं। इसके लिए घरों में पहले से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिरों से लेकर घरों तक सांवधि मंत्रों से मां का आह्वान कर कलश स्थापना किया जा रहा है। इसके साथ ही पुष्प, सुगंध और माला अर्पित कर मां का ध्यान किया जायेगा। 

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