संगम क्षेत्र में सड़कों पर चल रहीं नावें : गंगा और यमुना ने लिया विकराल रूप, कई गांवों का प्रयागराज से कटा कनेक्शन, निचले इलाकों में घुसा पानी

UPT | संगम क्षेत्र में बाढ़ के हालत बयां करती तस्वीर

Aug 08, 2024 16:57

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां लगातार विकराल रूप लेती जा रही हैं। गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर बीते चार -पांच दिनों से लगातार बढ़ रहा है। संगम क्षेत्र में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। बाढ़ …

Short Highlights
  • बच्चों को स्कूल आने-जाने और लोगों को दफ्तर शहर आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।
  • सलोरी, छोटा बघाड़ा और राजापुर मोहल्ले में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है।
  • बाढ़ के चलते बड़ी संख्या में लोग भी विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां लगातार विकराल रूप लेती जा रही हैं। गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर बीते चार -पांच दिनों से लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे की अगर बात करें तो गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 271 सेंटीमीटर और छतनाग में 65 सेंटीमीटर बढ़ा है। जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 46 सेंटीमीटर बढ़ा है। सिंचाई विभाग के बाद कंट्रोल रूम से गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। सुबह 8 बजे तक गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 81.33 मीटर और छतनाग में 81.56 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि यमुना नदी का नैनी में जलस्तर 82.12सेंटी मीटर दर्ज किया       गया है।    बदरा सुनौटी समेत दर्जनों गांवों का शहर से संपर्क कटा  संगम क्षेत्र में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर हैं। बाढ़ का पानी अब तक बदरा सुनौटी समेत कई गांवों में प्रवेश कर गया है। बदरा सुनौटी समेत दर्जनों गांवों का शहर से संपर्क कट गया है। बच्चों को स्कूल आने-जाने और लोगों को दफ्तर और दूसरे काम के लिए शहर आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इन गांव में सबसे ज्यादा दूध का कारोबार होता है ऐसे में दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालक भी परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बाढ़ का पानी कम नहीं होगा तब तक इसी तरह के हालात बने रहेंगे। वहीं दूसरी ओर सलोरी, छोटा बघाड़ा और राजापुर मोहल्ले में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी पहुंचने लगा है। बाढ़ के चलते बड़ी संख्या में लोग भी विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। बाढ़ के चलते कई सड़कें डूब गई हैं। जिससे इन गांवों का शहर से संपर्क कट गया है। जिन सड़कों पर मोटर गाड़ियां फर्राटा भरती थीं अब उन सड़कों पर नावें चल रही हैं।    बचाव के लिए एसडीआरएफ और जल पुलिस हुई तैनात  जिला प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ और जल पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है। हालांकि बाढ़ के बावजूद बड़ी संख्या में लोग संगम तट पहुंच रहे हैं। लोग बाढ़ के पानी में श्रद्धा के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। संगम क्षेत्र में जिन सड़कों पर मोटर गाड़ियां फर्राटा भरती थी उन सड़कों पर भरे बाढ़ के पानी में स्नान कर बाहर से ही बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन कर रहे हैं। जिस तरह से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उसे देखते हुए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अभी नदियों का जलस्तर और बढ़ेगा।

जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया
क्योंकि मध्यप्रदेश में केन, बेतवा और चंबल नदियों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि गंगा नदी में टिहरी, नरौरा और कानपुर डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है और सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से 24 घंटे नजर रखी जा रही है। हर 4 घंटे पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम द्वारा नदियों के बढ़ते जलस्तर को दर्ज किया जा रहा है। बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने भी जगह जगह हेल्थ कैंप खोल दिए हैं। जिला प्रशासन बाढ़ की हर चुनौती से निपटने का दावा कर रहा है।

Also Read