Prayagraj News : ज्ञानवापी में वजूखाने के एएसआई सर्वे का मामला, मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट का नोटिस

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Jul 09, 2024 17:28

वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का भी सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें हिंदू पक्ष...

Short Highlights
  • मुस्लिम पक्ष को चार हफ्ते में दाखिल करना होगा जवाब।
  • सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया था, सील करने का नहीं। 
Prayagraj News : वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का भी सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश की गई। कहा गया कि श्रृंगार गौरी केस का निपटारा करने के लिए वजूखाने का भी सर्वे बेहद जरूरी है। मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हो रही है।

14 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील सौरभ तिवारी से पूछा कि जब वजूखाना सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील किया गया है तो उसके सर्वेक्षण का आदेश कैसे दिया जा सकता है। इस पर हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया था। सील करने का नहीं। अदालत ने इस याचिका की पोषणीयता को लेकर भी सवाल उठाए गए। हिन्दू पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष से जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष को चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके बाद याचिकाकर्ता को मुस्लिम पक्ष के जवाब पर अपना रिज्वांइडर दाखिल करना होगा। इस मामले में 14 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।

वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे किया गया है, उसी तरह से सील वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए। 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद पूरे वजूखाने को सील कर दिया गया था। याची राखी सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता सौरभ तिवारी पक्ष रख रहे हैं। जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी दलीलें पेश करेंगे। अगली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से जवाब दाखिल करेंगे।

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