Prayagraj News : हाईकोर्ट ने कहा- अवैध खनन में IPC के तहत रिपोर्ट संभव, सरकार को दिए ये निर्देश...

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Mar 30, 2024 14:42

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर रुख कड़ा कर लिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि अवैध खनन में भारतीय दंड संहिता आईपीसी के तहत अपराध की प्राथमिकी दर्ज की...

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर रुख कड़ा कर लिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि अवैध खनन में भारतीय दंड संहिता आईपीसी के तहत अपराध की प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156/3 में निर्देश जारी कर सकते हैं और पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान ले सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वीके बिड़ला तथा न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने बिजनौर जिले के नगीना थाना क्षेत्र निवासी अभिषेक कुकरेती और नौ अन्य की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने यह कहा कि माइंस मिनरल एक्ट के उपबंधों का भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अवैध खनन और लोक संपत्ति को नुकसान के अपराध की प्राथमिकी पोषणीय है। माइंस मिनरल एक्ट के अपराधों पर ही नियम लागू होंगे, दंड संहिता के अपराध की पुलिस जांच कर सकती है। अखबारों में अक्सर अवैध खनन की खबरें देखी जा रही हैं। इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। इसके लिए लोकहित में कानून बनना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार नए कानून बनाए सरकार 
हाईकोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया और अपर शासकीय अधिवक्ता को आदेश की प्रति सप्ताहभर के भीतर भारत सरकार के संबंधित सचिव व राज्य सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव को प्रेषित करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के जयंत केस का हवाला देते हुए कहा सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार सरकार नए कानून बनाए। 

खनन मामले में जांच कर सकती है पुलिस
कोर्ट ने कहा कि खनन मामले में यदि अपराध दंड संहिता का है तो पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना रिपोर्ट पेश कर सकती है। मजिस्ट्रेट ऐसी पुलिस रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर कार्रवाई कर सकता है। खंडपीठ ने टिप्पणी की, सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि खनन मामले में दंड संहिता के अपराध की प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना की जा सकती है।  

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