प्रयागराज महाकुंभ 2025 : पर्यटन विभाग ने टूर गाइड और ड्राइवरों को दी ट्रेनिंग, जानें क्या है मकसद...  

UPT | ट्रेनिंग के बाद गाइड और टैक्सी ड्राइवर के साथ पुलिसकर्मी।

Sep 21, 2024 15:01

महाकुम्भ में सरल सुगम यातायात हेतु पुलिस उपायुक्त यातायात नीरज पाण्डेय वा अपर पुलिस उपायुक्त कुलदीप सिंह के निर्देशन में यातायात निरीक्षक पवन कुमार पाण्डेय द्वारा यातायात के नियमों के बारे में जागरूक किया गया।

Short Highlights
  • श्रद्धालु जिस भी मार्ग से आ रहे हों, उन्हें संगम या अन्य स्नान घाट तक पहुंचाएं।
  • वाहनों को चैराहों से उचित दूरी पर खड़ा करने के लिए उनके ड्राइवरों को बताएं।
Prayagraj News : प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर पर्यटन विभाग की ओर से गाइड, वोटमैन, वेंडर्स एवं टैक्सी ड्राइवरों को यातायात प्रशिक्षण दिया गया। मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में पुलिस उपायुक्त यातायात नीरज पाण्डेय, अपर पुलिस उपायुक्त कुलदीप सिंह और यातायात निरीक्षक पवन कुमार पाण्डेय पे यातायात के नियमों के बाबत जागरूक किया। 

अफवाह न फैलने दें
अफसरों ने बताया कि जो भी श्रद्धालु जिस भी मार्ग से आ रहे हों, उन्हें सुगमतापूर्वक संगम या अन्य स्नान घाट तक पहुंचाएं और मेले में वाहनों को चौराहों से उचित दूरी पर खड़ा होने के लिए ड्राइवरों को बताएं। मेले के निकटतम रेलवे स्टेशन के नाम व दूरी की जानकारी अवश्य रखें। साथ ही साथ जिस क्षेत्र में ड्यूटी लगाई जाए, उस सर्किल के एसएचओ, चौकी प्रभारी का नंबर जरूर रखें। मेले में किसी भी तरह के अफवाह को न फैलने दें, जिससे भगदड़ की संभावना न होने पाए। मेले में जो भी नियम बनाए जाएंगे, उसका पालन करें। 

नियमों का पालन कराएं
जिस घाट पर क्षमता से अधिक भीड़ हो, उन घाटों पर न जाने के श्रद्धालुओं से अपील करें और प्रशासन का सहयोग करें। असुविधा होने पर मदद भी लेते रहें और शालीनतापूर्वक पालन कराएं। दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रमुख मार्ग का भी ध्यान रखें और उनकी भाषा से भी यह समझ लीजिए कि ये व्यक्ति किस राज्य का होगा, उसे उसी रूट की तरफ का रास्ता बताएं। हर रूट के वाहन पार्किंग की भी जानकारी याद रखने की आवश्यकता है। अतिथि देवो भव: की भावना से मेले में अपना योगदान दें। जो अपने सगे संबंधियों से बिछड़ गए हों, उनके बारे में साउंड सिस्टम से एनाउन्स कराया जाए और भूले भटके शिविर में भेजवा दें। मेले के दौरान शहर के प्रमुख चैराहों के वर्तमान नाम से ही नाम लें, जिससे लोगों को सही स्थान तक ले जाया जा सके। संदिग्ध व्यक्तियों के दिखने पर प्रशासन को सूचना दें, जिससे मेले में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। 

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