फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की। इस जीत का श्रेय पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघर्ष और संगठन के रणनीतिक प्रयासों को जाता है...
Nov 24, 2024 19:39
फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की। इस जीत का श्रेय पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघर्ष और संगठन के रणनीतिक प्रयासों को जाता है...
Prayagraj News : फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की। जिसका श्रेय पार्टी के कार्यकर्ताओं के संघर्ष और संगठन के रणनीतिक प्रयासों को जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तीन सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया, जबकि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी एक बार क्षेत्र में पहुंचे, जिससे पार्टी प्रत्याशी के लिए समर्थन और माहौल मजबूत हुआ।
चुनावी सभाएं और जनसंपर्क
भाजपा ने चुनाव को बेहद गंभीरता से लिया और इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पार्टी के कुल 85 मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र में चुनावी सभाएं आयोजित की और जनसंपर्क किया। इनमें से कई नेताओं ने तीन से सात दिन तक क्षेत्र में प्रवास किया। इसके अलावा, MSME मंत्री राकेश सचान और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयंबक त्रिपाठी ने भी इस उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नुक्कड़ सभाओं का किया आयोजन
इस दौरान, राकेश सचान और त्रयंबक त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत की और पूरे चुनावी अभियान के दौरान अपने-अपने योगदान से जीत की रणनीति को मजबूत किया। राकेश सचान ने 107 दिन और त्रयंबक त्रिपाठी ने 119 दिन क्षेत्र में प्रवास किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से सीधा संवाद किया और नुक्कड़ सभाओं के साथ-साथ घर-घर दस्तक अभियान में भी भाग लिया। दोनों नेताओं ने दो दर्जन से अधिक चौपाल आयोजित कीं, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए अपना समर्थन दिया।
ये रहे पार्टी के मुख्य मुद्दे
मुख्य मुद्दों में गंगा के कछारी इलाकों में बाढ़ और सिंचाई की समस्याएं प्रमुख रहीं, जिनका चुनावी मुद्दा बनाते हुए पार्टी प्रत्याशी दीपक पटेल ने मुख्यमंत्री की सभा में इसे उठाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना है और अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो उसे "डूब मरना चाहिए।" यह बयान लोगों के बीच उत्साह का कारण बना और उन्हें यकीन हो गया कि अब इन समस्याओं का समाधान जल्द होगा।
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बाढ़ और सिंचाई पर दिया अधिक ध्यान
इसके साथ ही राकेश सचान ने बाढ़ और सिंचाई की समस्याओं पर अधिक ध्यान केंद्रित किया और उनका बयान था कि इन समस्याओं का हल अब संभव है। इसके अलावा, राकेश सचान ने संगठन के कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयंबक त्रिपाठी ने जातीय समीकरणों को समझते हुए मतदाताओं के बीच पार्टी का समर्थन जुटाने के लिए विशेष प्रयास किए।
किसने कितनी सभाएं की
चुनाव में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त मेहनत की। प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयंबक त्रिपाठी ने कुल 113 जनसभाएं कीं, जबकि राकेश सचान ने 53 नुक्कड़ सभाएं और पांच बड़ी सभाएं कीं। मंत्री दयाशंकर दयालु ने 33 नुक्कड़ सभाएं और पांच अन्य जनसभाएं कीं। इसके अलावा महापौर गणेश केसरवानी ने 61, विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी और एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने 72-72 जनसभाएं कीं। पूर्व विधायक उदयभान करवरिया ने 52 सभाओं में लोगों से संवाद किया।
इन्होंने भी दिखाया दम
यहां तक कि पूर्व मंत्री मगनलाल सिंह और बाबूलाल भंवरा ने भी 12 से 14 बड़ी जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं कीं। जिला पंचायत अध्यक्ष वीके सिंह, विधायक गुरु प्रसाद मौर्य और पूर्व केपी ट्रस्ट उपाध्यक्ष कुमार नारायण ने भी 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं में भाग लिया। विशेष रूप से सपा विधायक पूजा पाल ने भाजपा के पक्ष में 65 ग्राम सभाओं में नुक्कड़ सभाएं कीं, जबकि पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने 44 और पूर्व सांसद नागेंद्र पटेल ने दर्जनभर नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया।
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