78वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन : प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी ने किया ध्वजारोहण, दी शिक्षा और कर्तव्य की सीख

UPT | डीएम ने किया ध्वजारोहण।

Aug 16, 2024 00:54

प्रतापगढ़ में 78वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगान का गायन किया।

Pratapgarh News : प्रतापगढ़ में 78वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगान का गायन किया। उन्होंने अपने संबोधन में देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को याद करते हुए उनके बलिदान को नमन किया।

जिलाधिकारी ने आयोजन में दिया भाषण
जिलाधिकारी ने अपने भाषण में कहा कि आजादी की लड़ाई में अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें उन महान क्रांतिकारियों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "जब आप शिक्षित होंगे, तो आपका परिवार भी शिक्षित होगा, और यही देश के विकास की कुंजी है।"



कलेक्ट्रेट परिसर में किया वृक्षारोपण
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत सेहारा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मेहनत और कठिनाई से प्राप्त सफलता को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया, जिसमें जिलाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्य के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

सैनिकों के परिजनों को किया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान वीरगति प्राप्त सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने उन्हें अंगवस्त्र और उपहार देकर उनके परिवार के बलिदान को याद किया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए जिलाधिकारी ने छात्राओं और अध्यापकों को भी सम्मानित किया। एक विशेष क्षण तब आया जब एक छात्रा ने जिलाधिकारी का चित्र बनाकर उन्हें भेंट किया। यह कार्य उनकी कला और प्रतिभा का प्रमाण था।

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