श्रीमद्भागवत कथा में हुआ संत समागम : बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भावपूर्ण प्रवचन, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

UPT | श्रीमद् भागवत कथा में पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री।

Oct 24, 2024 20:31

प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील स्थित रामपुर खागल गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कथा के अंतिम और सातवें दिन, बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हेलीकॉप्टर से पंडाल पहुंचे, जहां उनका भावभीना स्वागत किया गया।

Pratapgarh News : प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील स्थित रामपुर खागल गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस कथा का आयोजन श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास, चित्रकूट के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के निर्देशन में किया गया, जो पं. अंबिका प्रसाद मिश्र की पावन स्मृति में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा व स्मृति महोत्सव का हिस्सा था। गुरुवार को कथा के अंतिम और सातवें दिन, बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हेलीकॉप्टर से पंडाल पहुंचे, जहां उनका भावभीना स्वागत किया गया।


एक ऐसा भारत चाहिए, जो राम राज्य से भरा हो 
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने अपने प्रवचन में उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा, "लोग मुझसे पूछते हैं कि बाबा, आप जगह-जगह जाकर धर्म की बात क्यों करते हैं? मैंने उन्हें बताया कि मुझे मंदिरों में भीड़ चाहिए, सड़कों पर जनसमूह चाहिए और एक ऐसा भारत चाहिए, जो राम राज्य से भरा हो।" उन्होंने कहा कि आज का हिंदू समाज जागरूक हो रहा है, जात-पात के बंधनों से ऊपर उठ रहा है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि "एक पहलवान को एक लकड़ी दी गई, जिसे उसने आसानी से तोड़ दिया। फिर दो और तीन लकड़ियों को भी तोड़ दिया। लेकिन जब उसे दस लकड़ियां एक साथ दी गईं, तो वह उन्हें तोड़ नहीं सका। इसका मतलब है कि अगर हम अलग-अलग जातियों में बंटे रहेंगे, तो विरोधी हमें तोड़ सकते हैं। लेकिन अगर हम सब एक साथ रहेंगे, तो हमें कोई नहीं तोड़ पाएगा।"


श्री रामचरितमानस का उल्लेख करते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री ने दो चौपाइयों का उल्लेख किया, जिनमें कहा गया है, "पुण्य पुंज बिनु मिलहि न संता" और "बिन हरि कृपा मिलहि नहि संता"। उन्होंने बताया कि जब आप खुद संत के पास जाएं, तो समझें कि यह आपके पुण्य का उदय है, और जब संत खुद आपके पास आएं, तो समझें कि यह भगवान की कृपा है। उन्होंने कहा कि, "भारत के सभी संत, परम पूज्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के संरक्षण में, धर्म विरोधियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि आज रामपुर खागल में सभी संतों का समागम देखने को मिल रहा है।"

श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, पंडाल में गूंजे जयकारे
इस विशेष दिन पर रामपुर खागल में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह 11 बजे से ही लोग पंडाल में जुटने लगे थे। हर भक्त की कोशिश थी कि वह महाराज के दर्शन कर सके। दोपहर तक पंडाल में हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए।

जैसे ही पं. धीरेंद्र शास्त्री पंडाल में पहुंचे, पूरा माहौल "जय श्रीराम" और "बाबा बागेश्वर की जय" के जयकारों से गूंज उठा। उनके प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं ने ध्यानपूर्वक उनकी बातों को सुना और उनके संदेशों को आत्मसात किया। शास्त्री जी ने कहा, "परम पूज्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी की कृपा से 2025 के कुंभ मेले का अनुभव 2024 में ही रामपुर खागल में देखने को मिल रहा है।"

संतों का समागम और भक्तों की भक्ति से अभिभूत हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री
धर्म, अध्यात्म और सेवा के इस महोत्सव में पं. धीरेंद्र शास्त्री ने समाज के प्रति अपने विचार रखते हुए लोगों को एकजुट रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी एकता की शक्ति को समझना होगा और जात-पात के भेदभाव से ऊपर उठकर एक मजबूत समाज की नींव रखनी होगी। कथा के इस अंतिम दिन, संतों और भक्तों के बीच यह संगम देखकर सभी ने इसे एक अद्भुत अनुभव बताया। इस आयोजन ने रामपुर खागल को धार्मिक गतिविधियों के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है, जिससे गांव का माहौल भक्तिमय और सजीव हो गया।

श्रीमद् भागवत कथा के इस कार्यक्रम ने प्रतापगढ़ जिले में धर्म और आस्था का एक नया अध्याय लिखा। पं. धीरेंद्र शास्त्री के प्रेरणादायक प्रवचन और संतों के संगम ने लोगों को एकजुटता का संदेश दिया। इस कथा के माध्यम से धार्मिकता, सद्भावना और समाज सेवा की भावना को प्रोत्साहित किया गया, जिससे लोगों में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। 

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