कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका : पीसीसी सदस्य दिनेश चौधरी ने दिया इस्तीफा, दलितों की उपेक्षा का लगाया आरोप

UPT | कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका

Oct 03, 2024 18:46

उत्तर प्रदेश में खोई जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पीसीसी सदस्य दिनेश चौधरी ने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

Short Highlights
  • कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका
  • पीसीसी सदस्य ने दिया इस्तीफा
  • जातिवाद को लेकर साधा निशाना
     
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश में खोई जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पीसीसी सदस्य दिनेश चौधरी ने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दिनेश चौधरी ने कांग्रेस में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बात तो दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की करती है, लेकिन भागीदारी नहीं मिलती है। प्रदेश में अध्यक्ष अजय राय और प्रभारी अविनाश पांडेय को बनाया जाता है, लेकिन वोट दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों का चाहिए।

2018 में कांग्रेस में शामिल हुए
दिनेश चौधरी ने कहा कि साल 2018 में कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद शामिल हुए। राहुल गांधी ने कहा था कि आपको युवाओं की जरूरत है और बताया कि पहले वाली कांग्रेस अब नहीं है। लेकिन 6 साल कांग्रेस में रहने के बाद उन्हें यह पता चला कि यहां दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए कोई भागीदारी नहीं है। इसीलिए वे आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।

पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
दिनेश चौधरी ने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें दिल्ली बुलाकर आश्वस्त किया था कि कांग्रेस पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक के अधिकांश पदाधिकारी जातिवादी मानसिकता एवं मनुवादी विचारधारा के पोषक हैं। समय-समय पर पार्टी में उन्हें अपमान और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है। 

जातिवाद को लेकर साधा निशाना
विधान सभा 2022 चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने जय भारत महासंपर्क अभियान चलाया था, जिसमें जिलाध्यक्ष के निर्देशानुसार कोराव विधानसभा के अंतर्गत छापर हरदौन गांव जाकर अभियान चलाया गया। उसी गांव के एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार को सम्मानित किया गया। रात में गांव में रुकने की व्यवस्था भी करनी थी। वहां के न्याय पंचायत अध्यक्ष, जो ब्राह्मण जाति के थे, ने पहले कहा कि वे उन्हें अपने घर में रुकने देंगे, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि वह दलित समुदाय से हैं, उन्होंने कहा कि उनकी रहने की व्यवस्था सरकारी स्कूल में कर दी गई है क्योंकि वे दलित हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने घर में उन्हें नहीं रख सकते और न ही भोजन करा सकते हैं। इस उपेक्षा की शिकायत जिलाध्यक्ष से की गई, लेकिन उस जातिवादी व्यक्ति को पद से नहीं हटाया गया।

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