महाकुंभ 2025 : प्रयागराज में बनाई जाएगी आकर्षक नक्षत्र वाटिका, द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी होंगे संभव

UPT | Mahakumbh 2025

Aug 11, 2024 01:59

भरद्वाज आश्रम में 6.34 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, जिसमें पर्यटकों को 27 नक्षत्रों और नौ ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, मिंटो पार्क में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का...

Short Highlights
  • महाकुंभ 2025 के अनूठी परियोजना का निर्माण होगा
  • भरद्वाज आश्रम में विशाल नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी
  • मिंटो पार्क में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का निर्माण किया जाएगा 
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में आगामी महाकुंभ 2025 के लिए एक अनूठी परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। जिसके तहत, भरद्वाज आश्रम में 6.34 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी, जिसमें पर्यटकों को 27 नक्षत्रों और नौ ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, मिंटो पार्क में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का भी निर्माण किया जाएगा, जो आगंतुकों को भारतीय संस्कृति और धार्मिक महत्व से परिचित कराएगा।

नक्षत्रों और ग्रहों की मिलेगी जानकारी
नक्षत्र वाटिका के लिए शासन ने 4.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है, जिसमें से पहली किस्त के रूप में 2.22 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। यह वाटिका 83 गुणा 83 फीट के विशाल भूखंड पर बनाई जाएगी। इसमें न केवल नक्षत्रों और ग्रहों की जानकारी दी जाएगी, बल्कि उनके मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव तथा ज्योतिषीय और खगोलीय महत्व को भी समझाया जाएगा। नौ ग्रहों की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी, जो इस स्थल को और भी आकर्षक बनाएंगी।

बारह ज्योतिर्लिंगों का होगा निर्माण
द्वादश ज्योतिर्लिंग परियोजना के लिए मिंटो पार्क में 1.89 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 94.75 लाख रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है। यहां सभी बारह ज्योतिर्लिंगों का निर्माण किया जाएगा और उनके पौराणिक महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। मिंटो पार्क के परेड क्षेत्र में एक कल्पवृक्ष के चारों ओर ज्योतिर्लिंगों के मॉडल स्थापित किए जाएंगे, जो इस स्थल को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगे।



2025 तक पूरा होगा निर्माण 
इन परियोजनाओं का उद्देश्य महाकुंभ 2025 में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारतीय संस्कृति, धर्म और ज्योतिष विज्ञान से जोड़ना है। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने इस परियोजना को महाकुंभ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद अब काम तेजी से शुरू किया जाएगा, ताकि 2025 तक ये आकर्षण पूरी तरह तैयार हो सकें।

शैक्षिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण
इन परियोजनाओं के पूरा होने पर प्रयागराज न केवल धार्मिक महत्व के लिए जाना जाएगा, बल्कि यह शैक्षिक और पर्यटन की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। नक्षत्र वाटिका और द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थल आने वाले वर्षों में शहर के प्रमुख आकर्षण बनने की संभावना है, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारतीय संस्कृति और विज्ञान की समृद्ध विरासत से परिचित कराएंगे।

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