महाकुंभ में दिखेगा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास : केंद्र सरकार करेगी विशेष प्रदर्शनी का आयोजन, अनकही कहानियों से रूबरू होंगे श्रद्धालु

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 03, 2024 15:00

इस विशेष प्रदर्शनी में चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल की प्रतिकृति सहित अनेक प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेंगी...

Short Highlights
  • महाकुंभ 2025 में दिखेगी आजादी के नायकों की गौरवगाथा
  •  केंद्र सरकार करेगी विशेष प्रदर्शनी का आयोजन
  • योगी सरकार के सहयोग से महाकुंभ में होगा क्रांतिवीरों का स्मरण
Prayagraj News : महाकुंभ 2025 सनातन धर्म का एक प्रमुख और विशाल आयोजन बनने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के अनुसार, इस बार महाकुंभ को पहले से भी भव्य और आकर्षक बनाने की तैयारियां चल रही हैं। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय मिलकर महाकुंभ के दौरान देश के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों की जीवंत गाथा प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं। इस विशेष प्रदर्शनी में चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल की प्रतिकृति सहित अनेक प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेंगी।

प्रदर्शनी का उद्देश्य
इलाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार, महाकुंभ के दौरान केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय देश विदेश से प्रयागराज आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को भारत की आजादी के महान क्रांतिवीरों की गाथा से रूबरू कराना चाहता है। इसी उद्देश्य से देश के महान क्रांतिवीरों के जीवन से जुड़ी जीवंत प्रदर्शनी के आयोजन की तैयारी है।



केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने मांगी थी जगह
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने महाकुंभ में प्रदर्शनी के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जगह मांगी थी। जिसके तहत प्रदेश सरकार संग्रहालय को जगह उपलब्ध करा रही है। इसमें देश के महान क्रांतिवीरों के जीवन परिचय से लोग परिचित होंगे। साथ ही उन्हें आजादी के लिए संघर्ष करने वाले वीरों की कई अनकही कहानियां भी जानने का मौका मिलेगा। वैसे तो यहां कई महान क्रांतिवीरों का जीवंत परिचय साक्षात दिखेगा, लेकिन प्राचीन हथियारों की प्रतिकृतियां विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इसमें सबसे खास होगी चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल, जिसे आजाद बमतुल बुखारा कहते थे।

बमतुल बुखारा की खासियत क्या थी
चंद्रशेखर आज़ाद की पिस्टल बमतुल बुखारा से गोली चलने के बाद इसमें धुआं नहीं निकलता था। इसलिए, अंग्रेज़ों को पता ही नहीं चल पाता था कि गोलियां किधर से आ रही हैं। यह कोल्ट कंपनी की .32 बोर की हैमरलेस सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल थी। इसमें एक बार में आठ गोलियों की मैगजीन लगती थी। आजाद की पिस्टल देखने के लिए बड़ी संख्या में इतिहास प्रेमी और पर्यटक आते हैं।
आजाद की इस पिस्टल को प्रयागराज के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है। जिसमें यह पिस्टल, संग्रहालय की आजाद गैलरी की शोभा बढ़ा रही है।

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