प्रयागराज महाकुंभ 2025 : श्रद्धालुओं को गूगल नेविगेशन से मिलेगी मदद, संगम तक पहुंच होगी आसान

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 04, 2024 20:02

श्रद्धालु न केवल प्रमुख स्थलों और अखाड़ों की लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे, बल्कि साधु संतों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। यह विशेष नेवीगेशन सेवा नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है...

Short Highlights
  • प्रयागराज महाकुंभ के लिए गूगल नेविगेशन
  • श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा
  • अब अस्थायी शहरों के लिए भी होगा नेविगेशन
Prayagraj News : प्रयागराज महाकुंभ की भव्यता ने गूगल को भी प्रभावित किया है, जिसके चलते उसने पहली बार अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए अस्थायी शहर के लिए नेवीगेशन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। गूगल और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच इस संबंध में एक समझौता हुआ है, जिसके अंतर्गत गूगल महाकुंभ के लिए विशेष नेवीगेशन तैयार करेगा। इससे श्रद्धालु न केवल प्रमुख स्थलों और अखाड़ों की लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे, बल्कि साधु संतों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। यह विशेष नेवीगेशन सेवा नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है।

श्रद्धालुओं को मिलेगी मदद
महाकुंभ, जो सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन है, न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस महा समागम में शामिल होने के लिए लोग उत्सुक हैं और गूगल की नई नेवीगेशन सुविधा श्रद्धालुओं को अपने गंतव्यों तक पहुंचने में मदद करेगी। इस पहल से प्रयागराज में आने वाले करोड़ों भक्तों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी, जिससे उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।



क्या है नेवीगेशन
नेवीगेशन को सरल शब्दों में कहें तो किसी स्थान पर ले जाने वाले रास्ते की विस्तृत जानकारी को कंप्यूटर या मोबाइल की भाषा में नेवीगेशन या मार्गदर्शन कहा जाता है। पुराने समय में लोग कागजी नक्शे या लोगों से पूछकर अपने गंतव्य की ओर जाते थे, लेकिन आधुनिक दौर में गूगल नेवीगेशन के माध्यम से यह काम अत्यंत आसान हो गया है। यह नेवीगेटर आपको न केवल स्थान का पूरा नक्शा दिखाते हैं, बल्कि कब कहां मुड़ना है, इसकी भी विस्तृत जानकारी देते हैं। गूगल सामान्य तौर पर पूरी दुनिया में बसे शहरों का नेवीगेशन देता है, लेकिन पहली बार उसने किसी अस्थायी शहर के लिए यह सुविधा प्रदान करने पर सहमति दी है। इसमें वह यहां की प्रमुख सड़कों, धार्मिक स्थलों, घाटों, अखाड़ों समेत प्रमुख संतों के स्थलों की जानकारी प्रदान करेगा। 
 
गूगल ने पहली बार बदले नियम
अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों का समागम होता है, लेकिन गूगल ने आज तक किसी अस्थायी कार्यक्रम के लिए नेवीगेशन की अनुमति नहीं दी है। यह पहली बार है कि गूगल ने महाकुंभ की भव्यता और यहां जुटने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए अपनी पॉलिसी बदलते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपने नेवीगेशन मैप में इंटीग्रेट किया है। गूगल और मेला प्राधिकरण के बीच हुए इस समझौते से यहां प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आने वाले करीब 45 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी श्रद्धालुओं को इस तकनीक का फायदा मिलेगा और वह आसानी से अपने गंतव्यों तक पहुंच सकेंगे। 

महाकुंभ में डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाआयोजन में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया है। मेला प्राधिकरण की यह पहल उनकी मंशा के अनुरूप है। इसके माध्यम से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। अपने मोबाइल पर गूगल मैप के माध्यम से वो अपने गंतव्य का पूरा नेवीगेशन प्राप्त कर सकेंगे और उसके मार्गदर्शन में आसानी से लक्ष्य पर पहुंच पाएंगे।

गूगल नेवीगेशन से मिलेगी सारी जानकारी
अगर किसी श्रद्धालु को संगम तट पर जाना है, किसी खास अखाड़े का पता लगाना है, किसी मंदिर में शीश नवाना है तो उसे किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं होगी। अपने मोबाइल पर गूगल नेवीगेशन के जरिए वह आसानी से इसका पता लगा सकेंगे। नेविगेशन के प्रयोग से किसी संत विशेष तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

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