फूलपुर उपचुनाव में कांग्रेस की सख्ती : निर्दलीय नामांकन भरने पर जिला अध्यक्ष को पद से हटाया, सपा को दिया समर्थन

UPT | ग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र यादव के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया

Oct 26, 2024 18:40

 प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र यादव के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया...

Prayagraj News : प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र यादव के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें पद से हटा दिया है। पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाकर नामांकन करने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह कार्रवाई की।

कांग्रेस का आधिकारिक बयान
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने सुरेश चंद्र यादव को पद से हटाने का आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देशों के विपरीत, 'इंडिया गठबंधन' के उम्मीदवार के विरोध में नामांकन दाखिल करने के उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी (गंगापार) के अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है। अजय राय ने बताया कि यादव से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा गया है।

इंडिया गठबंधन का समर्थन समाजवादी पार्टी को
इस उपचुनाव में 'इंडिया गठबंधन' ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी और सपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी। इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया का अंतिम दिन 25 अक्टूबर था, और मतदान 13 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि गठबंधन के सभी प्रत्याशी साइकिल चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। यह कदम इंडिया गठबंधन की एकजुटता को प्रदर्शित करने के लिए है और विपक्षी दलों की ओर से मजबूत संकेत है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष की बगावत
प्रयागराज के गंगापार क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले सुरेश चंद्र यादव ने पार्टी के निर्णय की अवहेलना करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। यादव ने जिला कलेक्ट्रेट में जाकर नामांकन किया। इससे पार्टी में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई। उनकी इस बगावत को पार्टी ने गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से उन्हें पदमुक्त कर दिया गया। इस घटना ने फूलपुर उपचुनाव को लेकर एक नया मोड़ ला दिया है, जहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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