UP BOARD EXAM 2025 : यूपी बोर्ड परीक्षा में होगी एआई तकनीक से निगरानी, कमेटी ने ड्राफ्ट में दिए संशोधन के सुझाव

UPT | यूपी बोर्ड प्रयागराज

Oct 30, 2024 12:09

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में इस बार प्रश्नपत्रों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के लिए यूपी बोर्ड ने एआई तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

Short Highlights
  • शासन स्तर से गठित कमेटी ने बैठक में बोर्ड के ड्राफ्ट के प्रत्येक बिंदुओं पर विचार विमर्श कर सुझाव दिया
  •  कम खर्च के प्रस्ताव के साथ सचिव भगवती सिंह ने पिछले दिनों एक ड्राफ्ट भेजा था 
Prayagraj News : यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में इस बार प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए यूपी बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित निगरानी व्यवस्था का मसौदा तैयार किया है। इसके लिए शासन ने एक कमेटी गठित की है, जो परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम की एआई के जरिए 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करने पर काम करेगी। लखनऊ में हुई बैठक में इस कमेटी ने यूपी बोर्ड के मसौदे पर विस्तार से चर्चा की और कुछ संशोधन के सुझाव दिए। इन सुझावों के मुताबिक मसौदे में बदलाव किए जाएंगे और इसे अंतिम मंजूरी के लिए महानिदेशालय भेजा जाएगा। शासन स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद परीक्षा के दौरान स्ट्रांग रूम में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए एआई आधारित निगरानी व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी।

54,38,597 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा-2025 के लिए 27,40,151 तथा इंटरमीडिएट में 26,98,446 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इस तरह कुल 54,38,597 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। वर्ष 2024 की परीक्षा में 8265 केंद्र बनाए गए थे, जिनके स्ट्रांग रूमों की निगरानी यूपी बोर्ड ने पहली बार मुख्यालय एवं सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में कमांड एंड कंट्रोल रूम बनाकर रात दिन निगरानी कराई थी। वर्ष 2025 की परीक्षा में केंद्र घटाने की तैयारी के साथ प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए सभी केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की निगरानी एआइ से कराने की तैयारी यूपी बोर्ड ने की है, लेकिन इसमें 25 करोड़ रुपये खर्च को ज्यादा मानते हुए कम खर्च के प्रस्ताव के साथ सचिव भगवती सिंह ने पिछले दिनों एक ड्राफ्ट भेजा था। 


बोर्ड के मसौदे पर चर्चा कर सुझाव दिए
छह हजार विद्यालयों में लगे सीसीटीवी, राउटर, ब्रॉडबैंड क्षमता व ब्रांड आदि का ब्योरा भेजने के साथ ही सुझाव दिया गया कि इसका प्रयोग कर एआइ कंपनी/एजेंसी खर्च कम कर सकती है। सत्यापन के बाद सरकारी एजेंसी ने कहा कि उपकरण एजेंसी के उपयोग के लिए फिट हैं। जहां भी उपकरण में दिक्कत है, वहां एजेंसी अपने संसाधन का उपयोग कर सकती है। इसी क्रम में शासन स्तर पर गठित कमेटी ने बैठक में बोर्ड के मसौदे के प्रत्येक बिंदु पर चर्चा कर सुझाव दिए। अब सुझाव के अनुरूप संशोधित मसौदा जल्द भेजा जाएगा, ताकि शासन से जल्द मंजूरी दिलाकर तैयारी की जा सके।

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