यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा : नकल माफिया पर प्रशासन की कड़ी नजर, एसटीएफ और एसओजी की टीमें सक्रिय

UPT | परीक्षा केंद्रों की जांच करते डीसीपी अभिषेक भारती।

Aug 21, 2024 19:19

यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए इस बार प्रशासन सतर्क है। ऐसे में नकल माफिया गिरोह के सदस्यों पर शिकंजा कसने का काम भी शुरू हो चुका है।

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को इस बार बिना किसी गड़बड़ी के सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की स्थानीय इकाई और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीमें इस काम में जुटी हुई हैं। वे पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि पहले से ही पेपर लीक के मामले में शामिल और जेल जा चुके अपराधियों की वर्तमान गतिविधियां क्या हैं और क्या वे फिर से किसी साजिश में शामिल हो सकते हैं।

पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड की तलाश 
पिछली भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा, जो मेजा का रहने वाला है, का नाम पहले ही सामने आ चुका है। उसके साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों और प्रयागराज के अन्य पांच लोगों का नाम भी पेपर लीक में शामिल था। इनमें से राजीव नयन मिश्रा और सरायममरेज के अभिषेक शुक्ला को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन पुष्कर पांडेय, संजय कुशवाहा और कामेश्वर मौर्य सहित चार अन्य की अब भी तलाश जारी है।

एसटीएफ और एसओजी के रडार पर 70 से अधिक लोग 
पेपर लीक की घटना को देखते हुए, इस बार पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। एसटीएफ और एसओजी की टीमें जिले भर में सक्रिय हैं और नकल माफिया के सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। बताया जा रहा है कि लगभग 70 ऐसे लोग रडार पर हैं, जिनकी पिछले मामलों में संलिप्तता रही है।

मैनुअल और सर्विलांस के जरिए जांच 
इन संदिग्धों की गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए मैनुअल और सर्विलांस दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टीमें गोपनीय तरीके से इन लोगों पर निगरानी रख रही हैं। स्थानीय पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन टीमें मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि किसी भी नकल माफिया को इस बार परीक्षा में सेंधमारी करने का मौका न मिले। इस बार प्रशासन का मुख्य लक्ष्य परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है, ताकि उम्मीदवारों को उनके मेहनत के अनुसार न्याय मिल सके।  

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