फेमस संगम भोजनालय अब नहीं दिखेगा : मुजफ्फरनगर में धमकी मिलने के बाद बदल गया नाम, ढाबा मालिक ने बताई आपबीती

UPT | Saleem Dhaba

Sep 10, 2024 13:17

मोहम्मद सलीम ने हाल ही में अपने 20 साल पुराने रेस्तरां का नाम बदलकर 'सलीम ढाबा' रख दिया है। यह फैसला उन्होंने स्वामी यशवीर महाराज की चेतावनी के बाद लिया...

Short Highlights
  • 'संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय' का नाम बदला
  • ढाबा मालिक ने भोजनालय का नाम रखा 'सलीम ढाबा'
  • स्वामी यशवीर महाराज की चेतावनी के बाद लिया फैसला
Muzaffarnagar News :  मुजफ्फरनगर के दिल्ली-देहरादून रोड पर स्थित 'संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय' के मालिक मोहम्मद सलीम ने हाल ही में अपने 20 साल पुराने रेस्तरां का नाम बदलकर 'सलीम ढाबा' रख दिया है। यह फैसला उन्होंने स्वामी यशवीर महाराज की चेतावनी के बाद लिया, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों को हिंदू देवी-देवताओं या तीर्थ स्थलों के नामों का उपयोग न करने की सलाह दी गई थी। सलीम ने यह बदलाव अपने व्यवसाय को धमकियों और विवादों से बचाने के लिए किया है।

स्थानीय लोगों की धमकी के चलते बदला नाम
सलीम (60) ने बताया कि उन्हें इस कदम को उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पहले वह 'संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय' चला रहे थे, लेकिन अब उन्होंने अपने रेस्तरां का नाम बदलकर 'सलीम ढाबा' रख दिया है और खुद का नाम 'प्रोपराइटर सलीम ठाकुर' लिखा है। सलीम ने बताया कि स्थानीय संत और कुछ लोगों द्वारा उन्हें धमकियां मिल रही थीं, जिसके चलते उन्हें नाम बदलना पड़ा। सलीम ने बताया कि उनके खिलाफ आपत्ति स्वामी यशवीर महाराज द्वारा जारी एक वीडियो के बाद बढ़ी, जिसमें मुस्लिम दुकानदारों से हिंदू नामों को बदलने की चेतावनी दी गई थी। वीडियो में स्वामी यशवीर महाराज ने 7 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अगर नाम नहीं बदला गया तो वह खुद कार्रवाई करेंगे। 



इसलिए नाम में लगाते हैं ठाकुर
सलीम ने बताया कि यह ढाबा उनके पिता द्वारा शुरू किया गया था और उन्होंने इसे परिवार की परंपरा के रूप में चलाया। स्वामी और अन्य लोगों की धमकियों के बाद सलीम ने महसूस किया कि उनके पास नाम बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य शांति बनाए रखना है और वह नहीं चाहते कि विवाद बढ़े और सांप्रदायिक तनाव पैदा हो। उनका कहना है कि उनके इलाके में दशकों से दोनों समुदाय मिल-जुलकर रहते आए हैं। सलीम ने यह भी बताया कि वह मुस्लिम राजपूत हैं और इसलिए उन्होंने अपने नाम में 'ठाकुर' शामिल किया है।

अपने धर्म के अनुसार नाम रखने की चेतावनी
वहीं वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय व्यापारियों के बीच दहशत फैल गई थी, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने व्यवसायों के नाम हिंदू नामों से रखे थे। स्वामी यशवीर महाराज का संदेश यह था कि मुसलमानों को अपने धर्म के अनुसार नाम रखने चाहिए और ऐसा न करने पर सड़कों पर उतरने की धमकी दी गई थी। इससे कई दुकानदारों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला
फिलहाल, इस मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। डीएसपी संत कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। एसडीएम निकिता शर्मा ने भी स्वामी से किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचने की अपील की है। कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन ने दुकानदारों को अस्थायी रूप से अपने नाम बदलने की सलाह दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सलीम समेत कई दुकानदारों को राहत प्रदान की थी, जिससे वे अपने पुराने नामों पर लौट आए थे।

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