मुजफ्फरनगर में भाकियू का प्रदर्शन : रिश्वतखोरी और छह फीट के चकरोड पर भड़के किसान, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

UPT | मुजफ्फरनगर में भाकियू का प्रदर्शन

Jan 08, 2025 16:50

मुजफ्फरनगर में चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ियों और किसानों से रिश्वत लेने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने चकबंदी कार्यालय पर प्रदर्शन किया...

Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर में चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ियों और किसानों से रिश्वत लेने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने चकबंदी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष अंकित चौधरी के नेतृत्व में किसानों ने अधिकारियों पर अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

आंदोलन तेज करने का चेतावनी
बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित चकबंदी कार्यालय पर सैकड़ों किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की। किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।



चकबंदी में गड़बड़ी का आरोप
किसान नेता अंकित चौधरी ने खामपुर गांव का उदाहरण देते हुए बताया कि चकबंदी प्रक्रिया में किसानों के लिए रास्तों को केवल 6 फीट चौड़े चकरोड के रूप में छोड़ा गया है, जो न सिर्फ गलत है, बल्कि इससे किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चकबंदी में केवल दो प्रभावशाली लोगों के हित को प्राथमिकता दी गई, जिससे अन्य किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

रिश्वत लेकर भी रिपोर्ट विपक्ष में लगाने का आरोप
किसान अब्दुल कादिर ने उपसंचालक चकबंदी अशोक कुमार पर गंभीर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए बताया कि सीओ के जरिए 50 हजार रुपये किसान से रिपोर्ट पक्ष में देने के लिए लिए गए थे। हालांकि, बाद में 5 लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर रिपोर्ट किसान के खिलाफ लगा दी गई। अब्दुल कादिर ने यह भी दावा किया कि न सिर्फ रिपोर्ट उनके खिलाफ बनाई गई, बल्कि दी गई रकम भी वापस नहीं की गई।

भाकियू ने की कार्रवाई की मांग
किसानों का कहना है कि चकबंदी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए, ताकि सभी किसानों के हित सुरक्षित रह सकें। किसानों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि चकबंदी प्रक्रिया में लगातार अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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