गोलियों की आवाज से थर्रा उठा झिझाना : 42 मिनट मुठभेड़ 30 राउंड फायरिंग और चार बदमाश ढेर

UPT | शामली के झिझाना में एसटीएफ और बदमाशों के बीच करीब 42 मिनट गोली चली

Jan 21, 2025 09:44

पश्चिमी यूपी में वर्ष 2010 में कग्गा गैंग की दहशत थी। गैंग के सदस्य रंगदारी से लेकर अन्य वारदातों को अंजाम देते थे।  खास तौर से भट्ठा व्यापारियों में कग्गा गैंग की दहशत थी।

Short Highlights
  • पिछले 16 साल में पुलिस और बदमाशों की सबसे बड़ी मुठभेड़ 
  • तीन बदमाशों को कार में लगी गोली तो खेत में मार गिराया
  • घायल इस्पेक्टर सुनील कुमार कई बड़े एनकाउंटर में रहे हैं शामिल 
Meerut STF Encounter : शामली के झिझाना क्षेत्र में पिछले 16 साल में पश्चिम यूपी की सबसे बड़ी पुलिस मुठभेड़ हुई है। जिसमें चार बदमाश एसटीएफ की गोली का शिकार हुए हैं। झिझाना के जंगल में देर रात एसटीएफ की 42 मिनट तक पुलिस से मुठभेड़ हुई। दोनों ओर से करीब 30 राउंड फायरिंग हुई। जिसमें चार बदमाश ढेर हो गए।

बदमाशों और एसटीएफ के बीच हुई मुठभेड़
बदमाशों और एसटीएफ के बीच हुई मुठभेड़ में एक इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी बदमाशों की गोली लगने से घायल हुए हैं। इंस्पेक्टर सुनील कुमार यूपी के कई बड़े एनकाउंटरों में शामिल रहे हैं। बताया जाता है कि झिझाना में हुई मुठभेड़ करीब 42 मिनट तक चली। जिसमें 30 राउंड फायरिंग हुई और तीन बदमाशों को एसटीएफ ने कार में मार गिराया तो चौथे को खेत में भागते हुए गोली लगी। 

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दोनों ओर से 30 राउंड फायरिंग की गई
ग्रामीणों के मुताबिक एसटीएफ और बदमाशों के बीच करीब 42 मिनट तक एनकाउंटर चला। एसटीएफ एसपी बृजेश ने बताया कि दोनों ओर से 30 राउंड फायरिंग की गई।  
पुलिस अफसरों का दावा है कि पिछले करीब 16 साल में पश्चिमी यूपी की यह बड़ी मुठभेड़ है। बदमाशों ने 12 पुलिसकर्मियों की टीमों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में घायल इंस्पेक्टर सुनील पूर्व में पीएसी में कंपनी कमांडर थे। 

पश्चिमी यूपी में था कग्गा गैंग का आतंक
पश्चिमी यूपी में वर्ष 2010 में कग्गा गैंग की दहशत थी। गैंग के सदस्य रंगदारी से लेकर अन्य वारदातों को अंजाम देते थे।  खास तौर से भट्ठा व्यापारियों में कग्गा गैंग की दहशत थी। वर्ष 2011 में कग्गा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था। उसी दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार एसटीएफ में आए थे। इसके बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार दस्यु ददुआ और ठोकिया समेत कई प्रमुख एनकाउंटर में शामिल रहे ​थे।
 

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