Varanasi News : भेलूपुर वार्ड के परगना मौजा की रजिस्ट्री को रामनगर स्थानांतरित करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने दिया धरना

UPT | अधिवक्ताओं धरना दिया।

Feb 29, 2024 21:11

वाराणसी के दी सेंट्रल बार एसोसिएशन को 27 फरवरी को सरकार की तरफ से एक शासनादेश प्राप्त हुआ। इसमें लिखा गया कि भेलूपुर वार्ड से लगायत नगवां वार्ड के मोहल्ले का रजिस्ट्री 27 फरवरी से रामनगर में किया जाएगा।

Varanasi News : शहर के दक्षिणी नगर क्षेत्र के भेलूपुर वार्ड एवं नगवां वार्ड के 22 से अधिक परगना मौजा की रजिस्ट्री को रामनगर स्थानांतरित करने के विरोध में बृहस्पतिवार को जिला न्यायालय के रजिस्ट्री कार्यालय के समक्ष अधिवक्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की। धरनारत अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक सरकार फैसला वापसी नहीं ले लेती है, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

वाराणसी के दी सेंट्रल बार एसोसिएशन को 27 फरवरी को सरकार की तरफ से एक शासनादेश प्राप्त हुआ। इसमें लिखा गया कि भेलूपुर वार्ड से लगायत नगवां वार्ड के मोहल्ले का रजिस्ट्री 27 फरवरी से रामनगर में किया जाएगा। इसमें करीब 22 मोहल्ले आते हैं, जिसका रजिस्ट्री वाराणसी कचहरी में होता था। शासनादेश के बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो गए। जिसके बाद दी सेंट्रल बार वाराणसी एवं बनारस बार के अधिवक्ताओं ने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की।

इस मौके पर धरनारत अधिवक्ताओं का कहना था जब तक प्रदेश सरकार अपने आदेश को वापस नहीं लेंगी तब तक वह धरने को समाप्त नहीं करेंगे। 5 दिन तक यह धरना चलेगा उसके बाद यह अनशन में बदल जाएगा और 13वें दिन से इसको आमरण अनशन के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा। रामनगर में रजिस्ट्री कार्यालय होने से अधिवक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। 

दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरली सिंह ने बताया कि 27 फरवरी को एक शासनादेश प्राप्त हुआ है। इसमें लिखा गया है कि मुद्रण की तिथि से भेलूपुर वार्ड एवं नगवां वार्ड के मोहल्ले का रजिस्ट्री रामनगर में किया जाएगा। वहां की रजिस्ट्री अभी तक शुरू से वाराणसी न्यायालय में होती थी। रामनगर की रजिस्ट्री रामनगर के राजा को स्वतंत्रता मिलने के बाद वहां के लोगों के लिए बनाई गई थी। इस तरह का आदेश और फरमान जनता एवं अधिवक्ताओं के लिए परेशानी का कारण है। अधिवक्ता यही दस्तावेज तैयार करता है और रजिस्ट्री की कार्रवाई करता है। उन्होंने बताया कि यह सरकार का शासन आदेश अधिवक्ताओं के परेशानी का कारण है पहले से हो रही रजिस्ट्री को फिर से शुरू कराया जाए।

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