देव दीपावली पर वाराणसी में भक्तों की उमड़ी भीड़ : काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक, ऑनलाइन आरती टिकट भी बंद

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Nov 15, 2024 16:30

काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भारी संख्या में भक्तों के उमड़ने की संभावना है। श्रद्धालु इन दो दिनों में केवल झांकी दर्शन कर पाएंगे। साथ ही मंदिर प्रशासन ने आरती की ऑनलाइन टिकट भी बंद कर दि है। 

Short Highlights
  • मंदिर प्रशासन ने 15 और 16 नवंबर को बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है।
  • मंदिर प्रशासन ने आरती की ऑनलाइन टिकट भी बंद कर दि है।
  • श्रद्धालु इन दो दिनों में केवल झांकी दर्शन कर पाएंगे।
Varanasi News : वाराणसी में देव दीपावली के पावन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए हजारों भक्त काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे हैं। इस भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने 15 और 16 नवंबर को बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु इन दो दिनों में केवल झांकी दर्शन कर पाएंगे। साथ ही मंदिर प्रशासन ने आरती की ऑनलाइन टिकट भी बंद कर दि है।

स्पर्श दर्शन पर अस्थायी प्रतिबंध
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भारी संख्या में भक्तों के उमड़ने की संभावना है। सुरक्षा और व्यवस्था के मद्देनजर, 15 और 16 नवंबर को स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई है। भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे लाइन में लगकर झांकी दर्शन करें और प्रशासन का सहयोग करें। मंदिर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि भीड़ को संभालने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इन दो दिनों में श्रद्धालु मंगला आरती, सप्त ऋषि आरती, और शयन आरती के ऑनलाइन टिकट भी नहीं बुक कर पाएंगे। विशेष पूजा और अन्य अनुष्ठानों के स्लॉट भी फिलहाल बंद कर दिए गए हैं।

भक्तों की भीड़ और सुरक्षा के इंतजाम
काशी विश्वनाथ धाम में हर साल देव दीपावली के अवसर पर लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। इस बार भी मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है, और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे व्यवस्थित तरीके से दर्शन करें और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पैदा न करें। भक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रशासन द्वारा तय की गई व्यवस्था का पालन करें ताकि सभी को सुचारू रूप से दर्शन का लाभ मिल सके।

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देव दीपावली का आयोजन
15 नवंबर को देव दीपावली के शुभ अवसर पर वाराणसी के 84 घाटों पर दीयों की रोशनी से अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। इस भव्य आयोजन की शुरुआत नमो घाट से होगी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति इस आयोजन को और भी खास बनाएगी। देव दीपावली के दौरान, वाराणसी के घाटों पर लाखों दीप जलाए जाएंगे, और गंगा आरती के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।

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देव दिवाली का शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर की सुबह 6:19 बजे से शुरू होकर 16 नवंबर को सुबह 2:58 बजे समाप्त होगी। पूजा के लिए सबसे ज़्यादा शुभ समय सूर्यास्त के दौरान रहेगा, जो कि शाम 5:10 बजे से लेकर 7:47 बजे तक का है। इस काल में देव दिवाली का पूजन और दीपदान करना अत्यधिक शुभ माना गया है। पूजा का कुल समय 2 घंटे 37 मिनट का रहेगा, जिसमें भक्तजन भगवान शिव, भगवान विष्णु और कार्तिकेय की पूजा करके अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

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