स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने इसे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। ईरानी ने कहा कि यह परियोजना अमेठी को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान...
रूस ने भारत को सौंपी एके-203 : एक मिनट में 700 राउंड फायर की क्षमता, स्मृति ईरानी ने जताई खुशी
Jul 08, 2024 12:13
Jul 08, 2024 12:13
- भारतीय सेना को 35,000 AK-203 राइफलों की डिलीवरी कर दी गई है
- परियोजना की नींव 3 मार्च 2019 को रखी गई थी
- प्रति मिनट 700 राउंड फायर करने की क्षमता रखती है
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
इस परियोजना की नींव 3 मार्च 2019 को रखी गई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेठी के कोरवा में AK-203 निर्माण संयंत्र का शिलान्यास किया था। इस दौरान, तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सीएम योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद रहे। यह कारखाना 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें रूसी तकनीकी सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाली राइफलों का निर्माण किया जा रहा है।
IRRPL ने किया निर्माण
AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण इंडो रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) द्वारा किया जा रहा है। आईआरआरपीएल एक संयुक्त उद्यम है जिसमें रूस और भारत की कंपनियां शामिल हैं। इसमें रूस की ओर से दो प्रमुख कंपनियां रोसोबोरोन एक्सपोर्ट और क्लाशनिकोव कंसर्न शामिल हैं, जो दोनों रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के अंतर्गत आती हैं। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (MIL) द्वारा किया जाता है।
एके-203 की खासियत
AK-203 असॉल्ट राइफल अपनी उन्नत विशेषताओं के लिए जानी जाती है, जो इसे आधुनिक युद्ध क्षेत्र में एक प्रभावी हथियार बनाती हैं:
- फायर पावर: यह राइफल प्रति मिनट 700 राउंड फायर करने की क्षमता रखती है, जो इसे अत्यधिक घातक बनाती है।
- रेंज और सटीकता: इसकी प्रभावी मारक क्षमता 500 से 800 मीटर (1649 से 2620 फीट) तक है, जो विभिन्न परिचालन परिदृश्यों में उपयोगी है।
- हल्का वजन: मात्र 3.8 किलोग्राम वजन के साथ, यह अपनी श्रेणी में सबसे हल्की राइफलों में से एक है, जो लंबे समय तक उपयोग में आसानी प्रदान करती है।
- कॉम्पैक्ट डिजाइन: 705 मिलीमीटर की लंबाई इसे संकीर्ण स्थानों में भी प्रभावी बनाती है।
- विश्वसनीयता: यह राइफल कभी जाम नहीं होती, जो युद्ध क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण गुण है।
- गोली का आकार: इसमें 7.62x39 मिमी की गोली का प्रयोग होता है, जो पर्याप्त बैलिस्टिक प्रदर्शन प्रदान करती है।
- उन्नत सहायक उपकरण: इसमें ऑप्टिक, कोलिमेटर, नाइट विजन और थर्मल इमेजिंग स्कोप जैसे आधुनिक उपकरण लगाए जा सकते हैं।
पीएम मोदी के रूस दौरे से पहले की गई घोषणा
हाल ही में, आईआरआरपीएल के रूसी भागीदार रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया कि 35,000 AK-203 राइफलों का निर्माण और वितरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी रूस दौरे से पहले की गई, जो इस परियोजना के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।
स्मृति ईरानी ने जताई खुशी
वहीं इस उपलब्धि पर अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने इसे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। ईरानी ने कहा कि यह परियोजना अमेठी को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दे रही है। यह परियोजना न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रही है। AK-203 राइफलों का पूर्णतः स्वदेशी उत्पादन अमेठी के लोगों के लिए गर्व का विषय है और यह क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
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