अयोध्या दुल्हन सी संवर रही है। अपने होने पर खूब इठला रही है। इठलाए भी क्यों नहीं, प्रभु राम जो आ रहे हैं। तीनों लोक के स्वामी जो पधार रहे हैं।
Ayodhya News : दुल्हन सी संवर रही अयोध्या, हर घर, मंदिर और मन राममय
Dec 26, 2023 14:14
Dec 26, 2023 14:14
ऐसे में तुलसीदास की यह चौपाई बरबस ही याद आ जाती है-
अवधपुरी प्रभु आवत जानी। भई सकल सोभा कै खानी॥
बहइ सुहावन त्रिबिध समीरा। भइ सरजू अति निर्मल नीरा॥
विश्वास नहीं है तो अयोध्या आइए और राम के स्वागत में सज और संवर रही अयोध्या को तनिक निहारिए। दूर हैं तो मेरे साथ नजर दौड़ाइए...
विकास के पथ पर दौड़ रही राम नगरी
भारत की सियासत की सांस थामने वाली अयोध्या 500 वर्ष से अपने मूल को तरस रही थी। पीढ़ियों ने जो संघर्ष किया अब वह मंदिर के रूप में साकार हो रहा है। प्रभु श्रीराम की नगरी विकास के उस पथ पर दौड़ रही है, जिसकी कल्पना मात्र कल्पना थी। राम जी का दरबार विस्तार ले रहा है। जेल जैसे रास्तों से मुक्त हो चला है। 90 फीट चौड़ा आधुनिक सुविधाओं से युक्त पथ आस्था की राह सुगम कर रहा है। रामनगरी अपनी गरिमा से गौर्वान्वित हो रही है।
पूरी दुनिया को आकर्षित करेगी अयोध्या
22 जनवरी को रामलला की नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा है। अयोध्या में इसका उल्लास त्रेता युग में भगवान राम के आगमन जैसा ही है। रामनगरी को इस तरह सजाया और संवारा जा रहा है, जो आने वाले समय में पूरी दुनिया को आकर्षित करेगी। रामजन्मभूमि परिसर कभी 70 एकड़ का था। राममंदिर के हक में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण शुरू हुआ तो धीरे-धीरे परिसर का विस्तार होता गया। आज रामजन्मभूमि परिसर करीब 100 एकड़ में विस्तारित हो चुका है।
पर्यटन का केंद्र बन चुकी है राम की पैड़ी
राम की पैड़ी को करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से सजाया गया है। यह अब आस्था के साथ-साथ पर्यटन का केंद्र भी बन चुकी है। हर शाम लेजर शो व लाइट एंड साउंड सिस्टम के जरिये रामकथा की प्रस्तुति सभी को आकर्षित करती है।
मन मोह लेंगे मठ-मंदिर
रामनगरी की समृद्ध स्थापत्यकला व प्राचीनता के गवाह मठ-मंदिरों की भी आभा लौट रही है। करीब 65 करोड़ की लागत से रामनगरी के 37 प्राचीन मंदिरों का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। ये मंदिर राम भक्तों का मन मोह लेंगे ।
चमक रहीं गलियां
रामनगरी की गलियों को भी चमकाया जा रहा है। 73 करोड़ की लागत से अयोध्याधाम के 15 वार्डों की गलियों को सौर ऊर्जा से जगमग करने की योजना पर काम हो रहा है। कौशलेश कुंज पर एक, टेढ़ीबाजार में दो मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यहां आप अपने चारपहिया व दो पहिया वाहन पार्क कर सकेंगे।
राममंदिर परिसर पर एक नजर
-कुल निर्मित क्षेत्र- 57,400 वर्ग फीट
-मंदिर की लंबाई- 360 फीट, चौड़ाई- 235 फीट, ऊंचाई- 161 फीट
-कुल तल-तीन ( प्रत्येक की ऊंचाई-20 फीट)
-मंदिर में शिखर एवं मंडप- पांच
ऐसे किया जा रहा प्रबंध
-श्रीराम गर्भगृह में बाल रूप में होंगे विराजमान
-लौह रहित राममंदिर निर्माण, प्राकृतिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
-अपशिष्ट पदार्थों का समुचित प्रबंध
-हाईटेक प्रकाश व्यवस्था, भूमिगत जल प्रबंधन
-त्रिस्तरीय पौधरोपण, पुष्पवाटिका व नक्षत्रवाटिका
- बहुद्देशीय पार्किंग सुविधा
-सुरक्षित अमानती घर
-सौर ऊर्जा पटल, ऊर्जा उत्पादन केंद्र
-आपातकालीन चिकित्सा सहायता केंद्र
-बैंक, एटीएम, आवश्यक जनसुविधाएं
-आदर्श गोशाला, यज्ञशाला, तीर्थयात्री केंद्र
- रामलीला केंद्र, 360 डिग्री थियेटर व प्रोजेक्शन थियेटर
लता मंगेशकर चौक के नाम से प्रसिद्ध है नयाघाट चौराहा
रामनगरी का नयाघाट चौराहा अब लता मंगेशकर चौक के नाम से प्रसिद्ध है। नयाघाट चौराहा पहले मात्र 30 फीट चौड़ा हुआ करता था। मेलों के दौरान यहां भीड़ को नियंत्रित करने में पसीने छूट जाते थे। वर्तमान में यह चौराहा 100 फीट चौड़ा हो चुका है। लता मंगेश्कर की स्मृति में चौक पर स्थापित 40 फीट लंबी वीणा भक्तों को आकर्षित करती है। यहां हमेशा लता मंगेशकर के भजन गूंजते रहते हैं।
रामकथा संग्रहालय का होगा सुंदरीकरण
नयाघाट स्थित रामकथा संग्रहालय का ट्रस्ट नए सिरे से सुंदरीकरण कराने जा रहा है। यहां मंदिर आंदोलन का इतिहास दर्शाया जाएगा। अन्य सांस्कृतिक व धार्मिक गतिविधियां संचालित होंगी।
रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान
अयोध्या शोध संस्थान का नाम भी सरकार ने बदल दिया है। अब अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के नाम से इसे जाना जाएगा। 17 करोड़ की लागत से इसकी रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। यहां भगवान राम से जुड़े साहित्य होंगे। संस्थान में विभिन्न भाषाओं में रचित रामायण पर आधारित ग्रंथों, पुरातन परंपरा के वैदिक मंत्रों व इन पर लिखे गए विभिन्न टीकाओं पर अनुसंधान होगा।
कुंडों के दिन भी बहुरे
पौराणिकता के गवाह प्राचीन कुंडों का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। इनमें से गणेश कुंड, हनुमानकुंड, स्वर्णखनि कुंड का अस्तित्व मिटने के कगार पर था। अब ये कुंड पर्यटन का केंद्र बन चुके हैं। सूर्यकुंड पर हर शाम लेजर शो देखने के लिए भीड़ उमड़ती है। इसी तरह दंतधावन कुंड, अग्निकुंड, खर्जुकुंड, विद्याकुंड की भी गरिमा लौट रही है। ये पर्यटन का केंद्र बन चुके हैं।
रामजन्मभूमि पथ पर आकर्षित करेंगी रामकथा के प्रसंगों से सजीं दीवारें
राममंदिर का मुख्य प्रवेश मार्ग बिड़ला धर्मशाला से रामजन्मभूमि तक श्रीरामजन्मभूमि पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। 90 फीट चौड़ा यह मार्ग आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो रहा है। मार्ग पर भव्य प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां आधुनिक लाइटें लग रही हैं। मार्ग पर केनोपी का निर्माण हो रहा है। पथ के दोनों किनारों पर रामकथा के प्रसंगों से सजीं दीवारें आकर्षित करेंगी।
रामपथ पर दिखेगी हरियाली
सहादतगंज से नयाघाट तक 13 किलोमीटर के मार्ग को रामपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह मार्ग कभी 40 फीट चौड़ा हुआ करता था। अब 80 फीट हो गया है। इस मार्ग पर सोलर लाइट व सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। मार्ग के डिवाइडर पर हरियाली दिखेगी। इलेक्ट्रिक बसों के लिए स्टॉप और चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
धर्मपथ की दीवारें बताएंगी अयोध्या की महत्ता
लखनऊ- गोरखपुर हाईवे से अयोध्या में प्रवेश करते ही रामजन्मभूमि का अहसास होने लगता है। साकेत पेट्रोल पंप से लता मंगेशकर चौक तक करीब दो किलोमीटर के रास्ते को धर्मपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां 30 स्थानों पर सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। धर्मपथ के दोनों ओर आठ-आठ मीटर पर दीवारों पर लिखे रामकथा के प्रसंग अयोध्या की महत्ता दर्शाएंगे।
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