अयोध्या में राम जानकी विवाहोत्सव में सीएम योगी ने लिया हिस्सा : रामराज्य और धार्मिक एकता पर दिया जोर

रामराज्य और धार्मिक एकता पर दिया जोर
UPT | राम जानकी विवाहोत्सव में मुख्यमंत्री हुए शामिल

Dec 05, 2024 20:02

गुरुवार को अयोध्या में आयोजित रामायण मेले के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जानकी विवाह उत्सव में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में श्रीराम के आदर्शों को...

Dec 05, 2024 20:02

Ayodhya News गुरुवार को अयोध्या में आयोजित रामायण मेले के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जानकी विवाह उत्सव में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में श्रीराम के आदर्शों को और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि आज वही भव्य आयोजन जनकपुर धाम में भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि छह साल पहले उन्हें भारत और उत्तर प्रदेश सरकार के तहत विवाह पंचमी के अवसर पर जनकपुर धाम जाने और वहां के भव्य मंदिर में मां जानकी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आज फिर से उन्हें जानकी महल में विवाह पंचमी कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला है।

देश है तो धर्म है...
मुख्यमंत्री ने समाज और धर्म को जोड़ने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हम सभी को अपने सामर्थ्य के अनुसार देश और धर्म के लिए कुछ करना चाहिए। देश है तो धर्म है, धर्म है तो हम सब हैं। हमारा उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना और भारत को विकास के परम वैभव तक पहुंचाना होना चाहिए। सीएम ने आगे कहा कि श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान जानकी महल एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु था। उन्होंने बताया कि उनके पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ महाराज रामजन्मभूमि आंदोलन से संबंधित बैठकों के लिए अक्सर जानकी महल में रात्रि विश्राम करते थे। यह स्थान कई पूज्य संतों और आयोजनों का केंद्र भी रहा है।

22 जनवरी को हुआ ऐतिहासिक क्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या धाम में श्रीराम लला के भव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष बेहद महत्वपूर्ण है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से अयोध्या में रामलला के रूप में श्रीराम विराजमान हो गए हैं। इस पल को देखने का सौभाग्य हम सबको मिला, यह पल हर सनातन धर्मावलंबी के लिए ऐतिहासिक था। 500 साल तक चले संघर्ष के बाद यह पल आया और हम ने रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान होते देखा।



अयोध्या में 2017 से पहले की स्थिति पर बोले
मुख्यमंत्री ने 2017 से पहले की अयोध्या की स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले अयोध्या में बमुश्किल 4 से 5 घंटे बिजली आती थी। यहां साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं थी और राम की पैड़ी में सरयू जी का जल सड़ने लगा था। अब स्थितियां बदल चुकी हैं। अब अयोध्या की सड़क, रेल और वायुमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। जल मार्ग पर भी सर्वे का काम चल रहा है, जो व्यवसाय और उत्पादों को दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने में मदद करेगा।

हमें राम के आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने श्रीराम के आदर्शों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने महाराज दशरथ से कहा था कि ‘आपका वचन मेरी प्रतिज्ञा है’। उन्होंने 14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया और निषादराज, चित्रकूट के कोल, वनवासी और गिरवासी से जुड़े। रामराज्य की व्यवस्था एक आदर्श थी, जहां दरिद्रता और अव्यवस्था नहीं थी, बल्कि हर किसी का जीवन खुशहाल था। भारत की परंपरा यही कहती है कि हम जिनकी पूजा करते हैं, हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम में यह भी रहे मौजूद
रामजानकी महल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता और अधिकारी मौजूद रहे। इनमें अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, विधायक रामचंद्र यादव, दिलीप कुमार सुल्तानिया, नारायण अजीतसरिया, विष्णु अजीत सरिया, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, बिहारी लाल सर्राफ, मुरारीलाल, सुनील कुमार, आशीष, दिनेश अग्रवाल, राकेश बिहारी आदि शामिल थे।

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