बाराबंकी के अछेछा गांव निवासी सदाब को सऊदी अरब भेजने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। फरहत मोहम्मद असहद ने सदाब से डेढ़ लाख रुपये लेकर उसे ड्राइवरी का वीजा दिलवाया, लेकिन सऊदी अरब में उसे मानसिक अस्पताल में काम सौंपा गया।
सऊदी अरब भेजने के नाम पर बड़ा खेल : ड्राइवर का वीजा देकर मानसिक अस्पताल में मरीजों की देखभाल का काम दिया, मदद की गुहार
Dec 02, 2024 20:26
Dec 02, 2024 20:26
12 अक्टूबर 2024 को सदाब सऊदी अरब के मदीना शहर पहुंचा
12 अक्टूबर 2024 को सदाब सऊदी अरब के मदीना शहर पहुंचे, लेकिन उन्हें गाड़ी चलाने के बजाय मानसिक रूप से बीमार मरीजों की देखभाल करने का काम सौंपा गया। इसमें नहलाना, धोना, पैंपर्स बदलना और नाखून काटने जैसे काम शामिल थे। जब सदाब ने इसका विरोध किया, तो फरहत के भाई ने उसे धमकाया और उसे इस काम को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। इन्कार करने पर सदाब को मारा-पीटा भी गया। इसके बाद फरहत के भाई ने उसे वापसी के लिए 2000 रियाल देने की बात की, लेकिन पैसे मिलने के बाद वह इस मामले से किनारा कर गया और कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता।
सऊदी अरब में शादाब की स्थिति काफी खराब हो गई
सऊदी अरब में शादाब की स्थिति काफी खराब हो गई थी, यहां तक कि उसके पास खाने के पैसे तक नहीं थे। परेशान होकर उसने अपने करीबी रिश्तेदार से मदद मांगी, जो सऊदी अरब के तायेफ शहर में रहते थे। रिश्तेदार ने मदद का हाथ बढ़ाया और शादाब को पैसे भेजकर उसे भारत वापस भेजा। शादाब ने अब अपने स्थानीय थाना जहांगीराबाद में तहरीर दी है और न्याय की गुहार लगाई है। थाना प्रभारी अभय मौर्य ने बताया कि पीड़ित की तहरीर प्राप्त हो गई है। विपक्षी को बुलाकर जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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