अयोध्या : राम मंदिर में पानी टपकने का सच आया सामने, चंपत राय ने किया खुलासा

राम मंदिर में पानी टपकने का सच आया सामने, चंपत राय ने किया खुलासा
UPT | राम मंदिर में लीकेज।

Jun 26, 2024 19:09

चंपत राय ने कहा कि हकीकत में पानी कंड्यूट पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था। ये सभी काम जल्द पूरा हो जाएंगे। प्रथम तल की फ्लोरिंग पूरी तरह वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा।

Jun 26, 2024 19:09

Short Highlights
  • गर्भगृह में एक भी बूंद पानी नहीं टपका
  • जंक्शन बॉक्सेज में पानी प्रवेश करने से कंड्यूट के सहारे जमीन पर गिरा
  • छत से पानी टपकने का लोगों को हुआ भ्रम
Ayodhya News : रामनगरी अयोध्या में रामलला के मंदिर की छत पहली बारिश में टपकने के मामले में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ  क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बुधवार को अपने बयान में कहा कि पहली बात तो यह है कि गर्भगृह में जहां भगवान रामलला विराजमान है, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है, और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है। उन्होंने मंदिर में छत से पानी टपकने को लेकर पूरी जानकारी दी।

मंदिर के दूसरे तल पर निर्माण कार्य जारी
चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह जहां भगवान रामलला विराजमान है, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है और न ही कहीं से पानी का गर्भगृह में प्रवेश हुआ है। गर्भगृह के आगे पूर्व में गूढ़ मंडप है। वहां मंदिर के दूसरे तल की छत का काम पूरा होने के बाद भूतल से लगभग 60 फीट ऊंचा घुम्मट जुड़ेगा और मंडप की छत बंद हो जाएगी। इस मंडप को अस्थायी रूप से पहले मंजिल पर ही ढक कर दर्शन कराये जा रहे हैं। दूसरी मंजिल पर पिलर निर्माण चल रहा है।

जंक्शन बॉक्सेज के जरिए पानी जमीन पर गिरा
उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर पत्थरों से बनने वाले मंदिर में बिजली के कन्ड्युट एवं जंक्शन बाक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है एवं कन्ड्युट को छत मे छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल के छत की लाइटिंग होती है। ये कन्ड्युट एवं जंक्शन बाक्स ऊपर के फ्लोरिंग के दौरान वाटर टाईट कर सतह में छुपाईं जाती है। पहले तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का काम जारी है। इसलिए जंक्शन बॉक्सेज में पानी प्रवेश कर गया और कंड्यूट के सहारे भूतल पर गिरा। ऐसे में लगा कि छत से पानी टपक रहा है।

पाइप के सहारे पानी जमीन पर निकला
चंपत राय ने कहा कि हकीकत में पानी कंड्यूट पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था। ये सभी काम जल्द पूरा हो जाएंगे। प्रथम तल की फ्लोरिंग पूरी तरह वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा। इसकी बदौलत कन्डयुट के जरिये पानी नीचे तल पर भी नहीं जाएगा।

बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध
ट्रस्ट ने कहा है कि मंदिर व परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध किया गया है, जिसका काम प्रगति पर है। पूरे परिसर को बरसात के पानी के लिए बाहर शून्य वाटर डिस्चार्ज के लिए प्रबंधन किया गया है। परिसर में बरसात के पानी को अन्दर रखने के लिये रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर निर्माण कार्य भारत की दो अति प्रतिष्ठित कम्पनियों एल एंड टी और टाटा के इंजीनियरों एवं पत्थरों से मंदिर निर्माण की यशस्वी परम्परा के वाहक सीबी सोमपुराजी, आशीष सोमपुरा व अनुभवी शिल्पकारों की देखरेख में हो रहा है। इसलिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।

नागर शैली में खास तरीके से किया जा रहा मंदिर निर्माण
उत्तर भारत में लोहा इस्तेमाल किए बिना केवल पत्थरों से मंदिर निर्माण कार्य पहली बार हो रहा है। यह काम उत्तर भारतीय नागर शैली में किया जा रहा है। इसी कारण सब स्थान पर यथेष्ट जानकारी का अभाव है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का यह प्रयास है कि सही जानकारी समय से भक्तों को मिलती रहे। ट्रस्ट ने अपील की है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण से संबंधी किसी भी जानकारी के लिए केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकृत संवाद माध्यमों से आई जानकारी पर ही विश्वास करें।

छत टपकने को लेकर हुई गलतफहमी 
इससे पहले राम मंदिर के उद्घाटन के महज छह महीने के भीतर शुरुआती बारिश में छत टपने की घटना को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थी। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इसे लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो मंदिर बन गए हैं और जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा। मंदिर के अंदर भी बरसात का पानी भर गया था। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि बने मंदिरों से क्यों पानी टपक रहा है। 

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