लखनऊ में शनिवार की शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब एक 13 साल पुरानी इमारत अचानक गिर गई। इस घटना ने शहर के विकास और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
लखनऊ हादसा : इमारत के गिरने की जांच करेगा एलडीए, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल, 2011 में तैयार हुई थी बिल्डिंग
Sep 08, 2024 01:56
Sep 08, 2024 01:56
भूखंड और इमारत की जानकारी
इस दुर्घटना में ध्वस्त हुई इमारत का भूखंड संख्या टीपीएन-54/फेज-1 है, जो एलडीए के दस्तावेजों में कुमकुम सिंगल के नाम पर दर्ज है। इस भूखंड का कुल क्षेत्रफल 1000 वर्ग मीटर है। इमारत बनने के बाद करीब 13 साल तक इसमें कोई समस्या नहीं आई, लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने सभी को चौंका दिया है।
एलडीए की त्वरित कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्तव, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह सहित इंजीनियरों की एक टीम को मौके पर भेजा। टीम ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए, प्राधिकरण की पूरी टीम पूरा समय घटनास्थल पर डटी रही और स्थिति पर नजर बनाए रखी।
निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल
एलडीए अधिकारियों के अनुसार, इमारत का नक्शा 31 अगस्त 2010 को पास हुआ था, और इसका निर्माण 2011 में पूरा हुआ था। इमारत को बने अभी केवल 13 साल ही हुए थे, जो किसी इमारत के लिए बहुत कम समय माना जाता है। इतनी जल्दी इमारत का गिर जाना निर्माण गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है। इसके पीछे निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता, या फिर किसी तकनीकी खामी की वजह हो सकती है। एलडीए इस पहलू की भी जांच कर रहा है कि क्या निर्माण के दौरान कोई नियमों का उल्लंघन हुआ था, या फिर इसमें कोई अवैध निर्माण किया गया था।
देर रात तक जांच जारी
इस हादसे के बाद एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने देर रात तक दफ्तर खुलवाया और नक्शे से संबंधित सभी फाइलें निकलवानी शुरू कर दीं। इस घटना से जुड़े सभी अधिकारियों को तुरंत दफ्तर बुलाया गया, ताकि हादसे की जांच की जा सके। नक्शे के पास करने की प्रक्रिया और प्रवर्तन स्तर पर की गई कार्रवाई से संबंधित सभी दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है। देर रात तक सभी फाइलें नहीं मिल सकीं, लेकिन जांच जारी रही। एलडीए के उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह ने जानकारी दी कि इस भूखंड पर वर्तमान में कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा था। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस इमारत को लेकर कोई नोटिस जारी हुई थी या नहीं। इसके अलावा, प्राधिकरण यह भी जांच कर रहा है कि कहीं इस इमारत में अवैध निर्माण तो नहीं हुआ था।
आगे की कार्रवाई
इस हादसे के बाद, लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से निर्माण गुणवत्ता की जांच के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
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