अयोध्या में मानसून का तांडव : सरयू का दिखा रौद्र रूप! नदी किनारे बसे लोगों की टेंशन बढ़ी

सरयू का दिखा रौद्र रूप! नदी किनारे बसे लोगों की टेंशन बढ़ी
UPT | सरयू का दिखा रौद्र रूप!

Jul 06, 2024 20:49

अयोध्या में 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जो बारिश के साथ मिलकर मौसम को और भी चुनौतीपूर्ण बना रही हैं। इस मौसमी उथल-पुथल का सबसे बड़ा प्रभाव शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी पर पड़ा है।

Jul 06, 2024 20:49

Ayodhya News : उत्तर प्रदेश के पवित्र नगरी अयोध्या में एक बार फिर मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शहर में लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

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पांच दिनों में 2.29 मीटर बढ़ा जलस्तर 
वर्तमान में, अयोध्या में 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जो बारिश के साथ मिलकर मौसम को और भी चुनौतीपूर्ण बना रही हैं। इस मौसमी उथल-पुथल का सबसे बड़ा प्रभाव शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी पर पड़ा है। पिछले पांच दिनों में सरयू का जलस्तर 2.29 मीटर तक बढ़ गया है, जो चिंता का विषय बन गया है। हालांकि, यह अभी खतरे के निशान से एक मीटर 16 सेंटीमीटर नीचे है, लेकिन स्थिति तेजी से बदल रही है।

जलस्तर ओर बढ़ने की संभावना
आचार्य नरेंद्रदेव कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सीता राम मिश्र के अनुसार, बारिश का यह दौर अभी एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अयोध्या के साथ-साथ सुल्तानपुर, अमेठी, अंबेडकरनगर, गोंडा, और बलरामपुर जैसे जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। यह जानकारी क्षेत्र के किसानों और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वे आवश्यक सावधानियां बरत सकें।



नदी किनारे बसे लोगों की टेंशन बढ़ी
सरयू नदी की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जल आयोग अयोध्या के प्रभारी डॉ. अमन चौधरी ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि जलस्तर में यही वृद्धि जारी रही, तो एक सप्ताह के भीतर नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच सकता है। यह स्थिति न केवल नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए, बल्कि पूरे शहर के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

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प्रशासन ने की तैयारियां
प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि बाढ़ की संभावना को देखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। तटीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां बाढ़ का खतरा सबसे अधिक है। जमथरा बांध पर बोल्डर लगाकर सरयू के पानी को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। यह कदम बाढ़ से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

घाटों पर सावधानी बरतने की अपील
स्थानीय प्रशासन ने नदी के घाटों पर विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों से जेटी से बाहर स्नान न करने का आग्रह किया गया है, क्योंकि तेज धारा में बहने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, स्नान घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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कृषि क्षेत्र पर पड़ सकता है प्रभाव
इस मौसमी परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। अत्यधिक बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि बाढ़ की स्थिति में कई खेत जलमग्न हो सकते हैं। इसलिए किसानों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में, मानसून के पैटर्न में बदलाव देखा गया है, जिसमें कभी सूखे की स्थिति तो कभी अत्यधिक बारिश की समस्या सामने आई है। यह स्थिति न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और देश के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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