राम मंदिर : बिजली से पूरी सुरक्षा के लिए शिखर से जमीन तक लगेंगे 28 तांबे के तार, संबंधित मंत्रालय से भी ली गई राय

बिजली से पूरी सुरक्षा के लिए शिखर से जमीन तक लगेंगे 28 तांबे के तार, संबंधित मंत्रालय से भी ली गई राय
UPT | निर्माण समिति की बैठक में चर्चा करते सदस्य।

Dec 29, 2024 16:32

रामलला मंदिर निर्माण की प्रगति के साथ रविवार को हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। शिखर से 28 कॉपर के तार आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए लगाए जाएंगे। इसके अलावा, एवियशन सेफ्टी भी लागू की जाएगी ताकि विमान पायलट को मंदिर के ऊपर से उड़ने का सिग्नल मिले।

Dec 29, 2024 16:32

Ayodhya News : रामलला के मंदिर निर्माण में प्रगति के साथ साथ कई बिंदुओं पर रविवार को हुई निर्माण समिति की बैठक में चर्चा के बाद निर्णय लिए गए हैं। मंदिर को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए उपाय किए जाने के तहत कार्य होने हैं। निर्णय लिया गया कि शिखर से 28 कॉपर के तार नीचे आएंगे। तारों को ग्राउंड करके जमीन के अंदर ले जाया जाएगा। इसके लिए संबंधित मंत्रालय से भी राय ली गई है। इतना ही नहीं सुरक्षा की दृष्टि से राम मंदिर पर एवियशन सेफ्टी रखी जाएगी। यदि राम मंदिर के ऊपर से कोई विमान उड़ता है तो पायलट को सिग्नल मिलेगा कि इसके नीचे इतना ऊंचा निर्माण है। रविवार को निर्माण समिति की बैठक में हुए निर्णय व चर्चा की बाबत समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने उक्त जानकारी दी है।

 

तापमान बढ़ने से दो पत्थरों में आया खिंचाव
रामलला मंदिर परिसर में व्हील चेयर ले जाने वाले मार्ग के रैंप पर क्रैक दिखा है। बताया जा रहा कि दो पत्थरों के बीच में गैप न रखने की वजह से तापमान बढ़ने से दोनों पत्थरों में खिंचाव आ गया, जिससे पत्थर क्रैक हुआ है अब इन पत्थरों को निकाल कर दूसरे पत्थर लगाए जाएंगे। अब दोनों पत्थरों के बीच में गैप रखा जाएगा।

2025 में पूरा हो जाएगा राम मंदिर के सभी निर्माण कार्य
राममंदिर के सम्पूर्ण कार्य पूरा होने का समय बढ़ाकर दिसम्बर 2025 कर दिया गया है। परकोटा और शूज रैक सितंबर 2025 तक हो पूरा हो जाएगा, हालांकि राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। पहले मंदिर का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा होना था। कई कारणों से अब इसकी समय सीमा दिसंबर 2025 तक कर दी गई है। मंदिर परिसर में 18 अन्य मंदिर भी निर्माणाधीन हैं। इन मंदिरों में राम मंदिर के प्रथम तल के गभर्गृह में माता सीता, लक्ष्मण तथा हनुमान जी सहित श्रीराम दरबार का मंदिर होगा ही परिसर के अन्य 17 मंदिर भी इस अवधि में पूरे हो जाएंगे। बैठक में राम मंदिर परिसर में बनाए जाने वाले चार द्वारों पर भी चर्चा हुई है। खास बात यह है कि इन सभी चारों द्वारों का नाम राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम होगा। 

राम मंदिर आंदोलन में साधु-सन्तों का रहा है अहम योगदान
न्दिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष निपेंद्र मिश्रा ने  कहा कि राम मंदिर आंदोलन में अयोध्या के वरिष्ठ साधु-संतों का भी अहम योगदान है। साधु-संतों के सम्मान में ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर में बनने वाले चार गेटों का नाम साधु-संतों के नाम पर रखने का फैसला लिया है। बताया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से हम लोगों ने निवेदन किया है कि इन सभी गेटों का नामकारण अयोध्या के वरिष्ठ साधु-संतों के नाम पर किया जाए। इसकी रूपरेखा जल्द ही तैयार की जाएगी। अध्यक्ष ने बताया कि मन्दिर परिसर में जलाशय पर मंथन चल रहा है।परिसर में सप्त ऋषियों के मन्दिर होंगे। उसके बीच में जलाशय बनाए जा रहे हैं। जलाशय निर्माण के लिए खुदाई चल रही है। जलाशय का डिजाइन, लंबाई और गहराई कितनी होगी? पानी किस तरह से आएगा और किस तरह से पानी बदला जाएगा इस पर मंथन हो रहा है। 

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