रामलला के लिए बहन के घर से आया स्नेह : मोतियों से बनी राखी से सजी रामलला की कलाई

मोतियों से बनी राखी से सजी रामलला की कलाई
UPT | राममंदिर के मुख्य पुजारी रामलला की राखी के साथ

Aug 19, 2024 15:32

बहन के घर श्रृंगी ऋषि आश्रम से श्रीराम के पूरे परिवार के लिए राखी एक दिन पूर्व अयोध्या पहुंच चुकी थी। शुभ मुहूर्त में उन्हें धारण कराया गया।

Aug 19, 2024 15:32

Short Highlights

*अयोध्या में बाल स्वरूप रामलला के लिए देश के कोने कोने से पहुंची है रखी*

*श्रृंगी ऋषि आश्रम से श्रीराम के पूरे परिवार के लिए आई राखी*

*56 व्यंजनों का भोग और बांसुरी भी धारण किए श्रीरामलला*

Ayodhya News : भाई बहनों का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पूरे देश में हर्ष और उल्लासपूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा है। ऐसे में अपने भव्य, दिव्य व नव्य घर में बालस्वरूप विराजित रामलला की कलाई भला कैसे सूनी रह सकती है। क्योंकि बहन के घर श्रृंगी ऋषि आश्रम से श्रीराम के पूरे परिवार के लिए राखी एक दिन पूर्व अयोध्या पहुंच चुकी थी। शुभ मुहूर्त में उन्हें धारण कराया गया।

रक्षाबंधन का पर्व प्रत्येक वर्ष सावन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार सोमवार को रक्षाबंधन पड़ा है। राम लला के लिए भी पूरे देश की बहने अलग-अलग माध्यम से राखी भेजी हैं। श्रृंगी ऋषि आश्रम से रखी प्रभु राम व उनके चारों भाइयों समेत उनकी पत्नियों के लिए भी आई है। इस राखी का निर्माण श्रृंगी ऋषि आश्रम के आसपास रहने वाली महिलाओं ने किया है। खास बात यह है कि यह राखी रेशम के धागों से बनाई गई है। इसके साथ ही इसके ऊपर मोती लगी है। राखी के साथ-साथ प्रभु राम के लिए 56 व्यंजनों का भोग और बांसुरी भी आई है, जिसे बालक राम को धारण भी कराया गया।

*श्रृंगी ऋषि आश्रम में बना है श्रीराम की बहन शांता का मंदिर*

धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक प्रभु राम की बहन शांता थीं। श्रृंगी ऋषि आश्रम में शांता का मंदिर है। त्रेता युग में जिस तरह प्रभु राम की बहन शांता ने अपने चारों भाइयों को राखी बांधा करती थी आज जब भव्य मंदिर में बालक राम विराजमान हो चुके हैं, तो शांता के मंदिर से बालक राम समेत चारों भाइयों के लिए राखी राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को समर्पित की गई है। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि श्रृंगी ऋषि आश्रम से चारों भाइयों के लिए राखी आई है। उसमें 56 व्यंजनों का भोग हैं। इसके अलावा माला और बांसुरी है। शुभ मुहूर्त में बालक राम समेत चारों भाइयों को राखी बांधी गई है। इसके साथ ही माला पहनाया गया। 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया है। बताया कि शांता प्रभु राम की बहन थी। उस गांव के जितने अनुयाई और गांव के लोग हैं। प्रभु राम के लिए राखी लेकर आए।

श्रृंगी ऋषि आश्रम के पुजारी राम प्यारे दास ने बताया कि रक्षाबंधन भारतीय परंपरा का ऐसा त्यौहार है, जो बहने अपने भाई की कलाई में बांधती हैं। हम लोग भी श्रृंगी ऋषि आश्रम में जो शांता माता हैं. वह उनका मंदिर है. वहां से हम लोग प्रभु राम के लिए रक्षाबंधन लेकर आए हैं। जिसमें प्रभु राम के चारों भाइयों का रक्षाबंधन है। माला के साथ ही 56 व्यंजनों का भोग है। इतना ही नहीं इस राखी में चारों भाइयों के लिए एक बड़े रामलला के लिए और चारों भाइयों की पत्नियों के लिए भी राखी आई है। खास बात यह है कि इस राखी को रेशम के धागों से हाथों द्वारा महिलाओं ने तैयार किया है।

*20 दिनों में तैयार की गई प्रभु राम के लिए रक्षाबंधन*

राखी का निर्माण करने वाली अंजली ने बताया हम लोग अपने भाई के लिए राखी लेकर आए हैं।प्रभु राम को अपना भाई मानते हैं। इस राखी का निर्माण हम लोगों ने अपने हाथों से किया है। सावन माह शुरू होते ही राखी का निर्माण शुरू कर दिया गया था। रेशम के धागों से राखी को बनाया गया है। आज बहुत अच्छा लग रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला पर्व है, जब रक्षाबंधन पर हम लोग रक्षाबंधन लेकर आए हैं, आज उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।

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